प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अभूतपूर्व सफलता के साथ नए दशक में प्रवेश कर रहा है. हम लगातार अतीत की समस्याओं को हल करने की कोशिश के साथ हम 2020 के साल में प्रवेश कर रहे हैं.
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राजीव श्रीवास्तव/लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां लोकभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति का अनावरण, और लखनऊ के चक गजरिया में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करते हुए कहा, कि भारत अभूतपूर्व सफलता के साथ नए दशक में प्रवेश कर रहा है. हम लगातार अतीत की समस्याओं को हल करने की कोशिश के साथ हम 2020 के साल में प्रवेश कर रहे हैं.
अनुच्छेद 370 कितनी पुरानी बीमारी थी, हमें विरासत में मिली थी, इस कठिन चुनौती को सुलझाया गया. सब आराम से हुआ, सबकी धारणाएं चूर-चूर हो गई. राम जन्मभूमि मामला जो दशकों तक चला था वह भी यह अंत में शांति से समाप्त हो गया. भारत के 130 करोड़ लोगों ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक रूप से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए भी समाधान खोज लिया है,जो शरणार्थी के रूप में भारत आए थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, कि आज अटल सिद्धि की इस धरती से मैं यूपी के युवा साथियों को, यहां के हर नागरिक से एक आग्रह करने आया हूं. आजादी के बाद के वर्षों में हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया है, लेकिन अब हमें अपने कर्तव्यों पर भी उतना ही बल देना है. यूपी में जिस तरह कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, एक बार घर में बैठकर सवाल पूछें कि क्या यह रास्ता ठीक था? जो कुछ जलाया गया, बर्बाद किया गया, क्या उनके बच्चों को काम आने वाला नहीं था? हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई, जो पुलिसकर्मी जख्मी हुए उनके परिवार के प्रति पल भर सोचें कि उनपर क्या बीती होगी. हिंसा करने वालों से मैं आग्रह करूंगा कि बेहतर सड़क, ट्रांसपोर्ट पर अगर उनका हक है तो इसको सुरक्षित रखना भी उनका फर्ज है. कुछ करने के पहले अपने हक और फर्ज को जरूर याद रखें.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सुशासन दिवस के दिन, यूपी का शासन जिस भवन से चलता है, वहां अटल जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया है. उनकी ये भव्य प्रतिमा, लोक भवन में कार्य करने वाले लोगों को सुशासन की, लोकसेवा की प्रेरणा देगी. उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले 6,000 करोड़ रुपए की अटल जल योजना का शुभारंभ किया है. इसे उत्तर प्रदेश सहित देश के 7 राज्यों में लागू किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर के सुधार में मदद मिलेगी. हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ने वाली रोहतांग टनल का नामकरण अटल टनल के नाम पर किया गया.
मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास करना उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात है. सांसद के रूप में अटल जी ने लखनऊ के विकास के लिए कई कार्य शुरू किए थे, लखनऊ को नई पहचान देने वाले सैकड़ों काम अटल जी ने किए थे. अब राजनाथ सिंह विरासत पर कायम हैं, वह पूर्व पीएम द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों का ध्यान रख रहे हैं. अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता, उसको समग्रता में देखना होगा. यही बात सरकार के लिए भी उतनी सत्य है, यह सुशासन के लिए भी उपयुक्त मानडंद है. सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में नहीं सोचेंगे. उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार समग्रता की सोच को बढ़ाने का भरसक प्रयास कर रही है. अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय उसे सोच को आगे बढ़ाती है. इससे उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और बेहतर होगी.
भारतीय स्वास्थ्य सेवा के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि इसके लिए हमारे कुछ उद्देश्य हैं. स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सरकार का रोड मैप है- प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर काम करना, अफोर्डेबल हेल्थ केयर का विस्तार करना, सप्लाई साइड इंटरवेनशंस यानि इस सेक्टर की हर डिमांड को देखते हुए सप्लाई को सुनिश्चित करना और मिशन मोड इंटरवेंशन करना. उन्होंने कहा कि निवारक स्वास्थ्य सेवा, सस्ती स्वास्थ्य सेवा को व्यापक बनाना हमारा उद्देश्य है और साथ ही हेल्थकेयर सुविधाओं को मिशन-मोड पर चलाने की बात कही.
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत से लेकर योग तक, उज्ज्वला से लेकर फिट इंडिया मूवमेंट तक और इन सबके साथ आयुर्वेद को बढ़ावा देने तक इस तरह की हर पहल बीमारियों की रोकथाम में अपना अहम योगदान दे रही हैं. देश के ग्रामीण इलाकों में सवा लाख से ज्यादा वेलनेस सेंटर का निर्माण भी इसी कड़ी का हिस्सा है. ये सेंटर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पकडक़र, शुरुआत में ही उनके इलाज में मददगार साबित होंगे.
मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कारण देश के लगभग 70 लाख गरीब लोगों का मुफ्त इलाज किया गया है. उत्तर प्रदेश ने इस योजना में सक्रियता दिखाई, जिससे इसमें करीब 11 लाख लोग यूपी के हैं. उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना है. आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको की पूरी आबादी से बड़ी है. जन औषधि केंद्रों पर सस्ती दवाइयां मिल रही हैं. पांच वर्षों में मेडिकल सीटें बढ़ाई गई हैं. देश में 75 नए मेडिकल कालेज बनाने की स्वीकृति दी गई है. बीते 2-3 वर्षों में ही यूपी में दो दर्जन से ज्यादा मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिसमें से अनेक या तो शुरू हो चुके हैं या निर्माण की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने कहा कि देश से 2025 तक टीबी को खत्म करने के लिए अभियान चल रहा है. जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे इस अभूतपूर्व काम का लाभ उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. इस वर्ष इंसेफेलाइटिस के मामले में योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने और यूपी की जनता ने बहुत ही सराहनीय काम किया है. इसके लिए आप सब अभिनंदन के हकदार हैं. योगी सरकार, उनकी टीम और उत्तर प्रदेश की जनता ने इंसेफलाइटिस बीमारी को हराने में बड़ी सफलता हासिल की है।. योगी सरकार ने बड़ा ही सराहनीय कार्य किया है, इसकी प्रशंसा देश हीं नहीं विदेशों में भी हो रही है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर योगी सरकार के इस प्रयास को खूब सराहा गया है, स्वच्छता को अभियान बनाकर योगी सरकार ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनौतियों को चुनौती देने का स्वभाव को लेकर हम निकले हैं, 2014 से पहले देश की आधी आबादी के पास शौचालय नहीं थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. हर घर तक शौचालय, गैस और बिजली पहुंच रही है. सबके लिए बैंक खाते खोले गए. 2022 तक हर बेघर गरीब के पास अपना पक्का मकान होगा और 2024 तक हर घर जल का संकल्प पूरा किया जाएगा. न्यू इंडिया के लिए ठोस नींव तैयार कर रहे हैं, इसी से पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को पूरा किया जाएगा, यही सुशासन है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के लिए सुशासन का अर्थ है- सुनवाई, सबकी हो। सुविधा, हर नागरिक तक पहुंचे। सुअवसर, हर भारतीय को मिले। सुरक्षा, हर देशवासी अनुभव करे। और सुलभता, सरकार के हर तंत्र की सुनिश्चित हो. पीएम मोदी ने कहा अटल जी कहते थे, कि हर पीढ़ी भारत की प्रगति में योगदान का मूल्यांकन दो बातों के आधार पर होगा. पहला - विरासत में मिली कितनी समस्याओं को हमने सुलझाया है. दूसरा- राष्ट्र के भावी विकास के लिए हमने अपने खुद के प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार से सत्ता सुख निकाल कर संस्कार गढ़ा जाए, सरकार अटकाने और उलझाने की बजाए सुलझाने का माध्यम बने. सरकार का दायित्व है कि वह पांच साल के लिए नहीं बल्कि पांच पीढियों को ध्यान में रखते हुए अपना काम करने की आदत बनाए, नागरिकों को आवेदन करने की जरूरत न हो बल्कि सरकार जनता के घर जाकर निवेदन करे कि कोई समस्या तो नहीं है.