कांग्रेस की तरफ से कल भारत बंद का आह्वान किया गया है. उसी को लेकर लखनऊ में राज बब्बर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था.
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लखनऊ: पेट्रोल और डीजल की आसमान छू रही कीमत के विरोध में कांग्रेस ने 10 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. भारत बंद से पहले लखनऊ में कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जैसे ही राहुल गांधी का नाम आया राज बब्बर ने 'हर हर महादेव' का नारा लगाया. राहुल गांधी के RSS के कार्यक्रम में शामिल होने से जुड़े सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे जाएंगे या नहीं यह आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा. 10 सितंबर को होने वाले भारत बंद को लेकर राज बब्बर ने कहा कि यह देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ है. हम बंद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
क्या बंद कार्यक्रम में सपा और बसपा समर्थन दे रही है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सपा और बसपा अपने तरीके से सरकार का विरोध कर रही है. पिछले दिनों अखिलेश यादव ने भी कहा था कि उनका समर्थन किसी दल को नहीं बल्कि मुद्दों को लेकर है.
बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए राज बब्बर ने कहा कि इनलोगों को जनता से जुड़े मामलों से कोई सरोकार नहीं है. उन्होंने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में महंगाई, बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हुई. राफेल के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. दरअसल, इन्हें मालूम है कि वे जनता को इन मुद्दों पर मैनेज कर लेंगे, इसलिए चर्चा करने की जरूरत ही नहीं है.
राज बब्बर ने ये भी कहा कि जब रक्षामंत्री अपनी पार्टी से जुड़े तमाम विषयों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करें, लेकिन देश से जुड़े राफेल सौदे पर चुप्पी साध लें तो समझ लीजिए दाल में काला तो है.
जब रक्षामंत्री अपनी पार्टी से जुड़े तमाम विषयों पर प्रेस वार्ता करें लेकिन देश से जुड़े राफ़ेल सौदे पर चुप्पी साध लें तो समझ लीजिए दाल में काला तो है।
उन्होंने आज ही ऐसा किया है लेकिन उन्हें आखिरकार बोलना होगा। हम सड़कों पर उतर चुके हैं। उन्हें सच कहने के लिए मजबूर करेंगे। https://t.co/O4O2zniyNZ
— Raj Babbar (@RajBabbarMP) September 8, 2018
इस बीच कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत तो बढ़ ही रही है, दूसरी तरफ डॉलर के मुकाबले रूपया लगातार कमजोर हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है तो इसकी कीमत में बहुत कमी हो जाएगी.
माकन ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में लगभग 20 राजनीतिक दल हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले चार साल में ईंधन पर उत्पाद शुल्क लगाकर 11 लाख करोड़ रुपए की कमाई की है और सरकारी खजाना भरने के लिए यह राशि आम आदमी से ली गई है.