26.25 अरब का निकला रामपुर के नवाब का 'खजाना', जानें 16 वारिसों में कैसे होगा बंटवारा
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26.25 अरब का निकला रामपुर के नवाब का 'खजाना', जानें 16 वारिसों में कैसे होगा बंटवारा

रामपुर नवाब रहे स्वर्गीय मुर्तजा अली खां की बेटी निखत बी, बेटे मुराद मियां और दूसरे पक्ष के स्वर्गीय मिक्की मियां की पत्नी पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नवेद मियां और बेटियों समेत कुल 16 वारिस हैं, जिनके बीच संपत्ति का बंटवारा होगा.

सांकेतिक तस्वीर.

सैय्यद आमिर/रामपुर: करीब 45 साल बाद रामपुर के नवाब खानदान की 5 संपत्तियों का मूल्यांकन पूरा हो गया है. इन चल-अचल संपत्तियों की कुल कीमत 26.25 अरब रुपए आंकी गई है. रामपुर में नवाब खानदान की अकूत संपत्ति को लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था. इसे लेकर वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था. नवाब काजिम अली खां के अधिवक्ता संदीप सक्सेना के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नवाब खानदान की संपत्ति का इस्लामी शरीयत के हिसाब से बंटवारा होना है. संपत्ति रामपुर नवाब के 16 वारिसों में बंटनी है, जो रामपुर ही नहीं बल्कि जर्मनी से लेकर कैलीफोर्निया तक में रह रहे हैं. 

रामपुर के नवाब के 16 वारिसों में बंटनी है पूरी संपत्ति
रामपुर नवाब रहे स्वर्गीय मुर्तजा अली खां की बेटी निखत बी, बेटे मुराद मियां और दूसरे पक्ष के स्वर्गीय मिक्की मियां की पत्नी पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नवेद मियां और बेटियों समेत कुल 16 वारिस हैं, जिनके बीच संपत्ति का बंटवारा होगा. इनमें बेगम नूरबानो, नवाब काजिम अली खां रामपुर में रहते हैं. तलत फातिमा हसन पत्नी कामिल हसन कैलीफोर्निया में रहती हैं.

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समन अली खां उर्फ समन खां महाराष्ट्र में रहती हैं तो सैयद सिराजुल हसन बंगलुरु में और गिजाला मारिया जर्मनी में रहती हैं. नवाब खानदान के कुछ वारिस दिल्ली और लखनऊ में भी हैं. अदालत ने 23 नवंबर को सभी पक्षकारों को अपनी बात रखने के लिए बुलाया है. अगर रामपुर नवाब के 16 वारिसों में किसी ने जज के सामने कोई आपत्ति दर्ज करा दी तो बंटवारा तब तक संभव नहीं हो पाएगा, जब तक आपत्ति का समाधान नहीं हो जाता.

रामपुर नवाब की संपत्ति बंटवारे का यह है पूरा प्रकरण
रामपुर नवाब के वारिसों के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर 1974 में मुकदमेबाजी शुरू हुई थी. नवाब रजा अली खां की मौत के बाद उनके बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली खां संपत्ति पर काबिज हो गए थे. इसे लेकर रजा अली खां के छोटे बेटे मिक्की मियां और अन्य बेटों व बेटियों ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था. इनकी मांग थी कि शरीयत के हिसाब से रामपुर नवाब की संपत्ति का बंटवारा हो.

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जबकि मुर्तजा अली खां की ओर से तर्क दिया गया कि राजघरानों के कानून के मुताबिक राजा का बड़ा बेटा ही संपत्ति का मालिक होता है. इसको लेकर शुरू हुआ कानूनी विवाद लंबे समय तक चलता रहा. सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने के बाद बीते वर्ष अगस्त माह में इस पर फैसला आया था. इसके बाद जिला कोर्ट में संपत्ति मूल्यांकन और बंटवारे की प्रक्रिया शुरू हुई थी.

संपत्ति पर 18 ने जताया दावा, दो की हो चुकी है मौत
नवाब खानदान की कोठी खासबाग, बेनजीर बाग, नवाब रेलवे स्टेशन, सरकारी कुंडा और शाहबाद के लखी बाग आदि संपत्तियां हैं. इनके अलावा गहने व शस्त्र आदि हैं. रामपुर नवाब की संपत्ति पर उनके 18 वारिसों ने दावा जताया था, इनमें दो की मौत हो चुकी है, इन दोनों का कोई वारिस भी नहीं है. लिहाजा अब यह संपत्ति 16 लोगों में ही बंटनी है.

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इसमें कोठी खास बाग- 14 अरब 8 करोड़ 55 लाख 500 रुपये. बेनजीर बाग- दो अरब 99 करोड़, 22 लाख 79 हजार 776 रुपये. नवाब रेलवे स्टेशन- एक अरब 13 करोड़ 88 हजार रुपये. कुंडा जमीन, वृक्ष आदि- 19 करोड़ 21 लाख 89 हजार 441 रुपये. सभी स्थानों की चल संपत्ति की कुल कीमत 64.50 करोड़ रुपये है. इस तरह रामपुर नवाब की कुल संपत्ति 26 अरब 25 करोड़ 89 लाख 71 हजार 321 रुपये की है.

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