दिवाली, दुर्गापूजा और दशहरा की डेट का कनफ्यूजन करें दूर, जानें हिन्दू त्योहारों का पूरा कैलेंडर
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1771102

दिवाली, दुर्गापूजा और दशहरा की डेट का कनफ्यूजन करें दूर, जानें हिन्दू त्योहारों का पूरा कैलेंडर

Diwali​ Kab hai : दीपावली का त्‍यौहार हर साल कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या तिथि के दिन मनाया जाता है. मान्‍यताओं के मुताबिक, दीपावली के दिन ही भगवान राम, रावण को हराकर अयोध्‍या लौटे थे. भगवान राम के अयोध्‍या आने की खुशी में पूरे अध्‍योध्‍यावासियों ने दीये जलाए थे. 

Diwali 2023

Diwali​ Kab hai : हिन्‍दू धर्म में दीपावली त्‍यौहार का विशेष महत्‍व है. हिन्‍दू पंचाग के मुताबिक, दीपावली का त्‍यौहार हर साल कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या तिथि के दिन मनाया जाता है. मान्‍यताओं के मुताबिक, दीपावली के दिन ही भगवान राम, रावण को हराकर अयोध्‍या लौटे थे. भगवान राम के अयोध्‍या आने की खुशी में पूरे अध्‍योध्‍यावासियों ने दीये जलाए थे. दीपावली पर मां लक्ष्‍मी की पूजा करने पर उनकी कृपा बरसती है. तो आइये जानते हैं इस साल दीपावली कब पड़ रही है. 

क्‍या है महत्‍व 
हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक, इस साल दीपावली 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी. 5 दिन के दीपोत्सव का यह त्‍यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है. मान्‍यता है कि कार्तिक अमावस्या पर मां लक्ष्मी रात्रि में स्वयं भूलोक पर पधारती हैं और घर-घर में विचरण करती हैं. यही वजह है कि दीपावली के दिन घरों-आंगन में चारों और दीपक प्रज्वलित कर उजाला किया जाता है. 

जान लें शुभ मुहूर्त 
हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक, 12 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से दीपावली का शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर खत्म होगी. दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल में की जाती है. ऐसे में 12 नवंबर को महालक्ष्मी की पूजा करना शुभ रहेगा. 

पूजा शुभ मुहूर्त 
संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 36 मिनट तक है. इस दौरान साधक पूजा उपासना कर सकते हैं. वहीं, प्रदोष काल शाम 5 बजकर 29 मिनट से 8 बजे 7 मिनट तक है. वृषभ काल संध्याकाल 5 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 36 मिनट तक है. महानिशीथ काल देर रात 11 बजकर 39 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 31 मिनट तक है. इस दौरान भी मां की पूजा उपासना कर सकते हैं.

मां लक्ष्‍मी की करें पूजा 
बता दें कि इस दिन मां लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा उपासना की जाती है. मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम 14 वर्षों का वनवास कर अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर भगवान श्रीराम संग मां जानकी और लक्ष्मणजी का स्वागत किया. उस समय से हर साल दीपावली मनाई जाती है. वर्तमान यह त्‍यौहार न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है. 

WATCH: व्रत के भोग में शामिल करें ये 5 चीजें, कभी महसूस नहीं करेंगे कमजोरी और थकान

Trending news