Aaj Ka Panchang 30 January: 30 जनवरी को माघ कृष्ण पक्ष की उदया तिथि चतुर्थी और मंगलवार का दिन है. चतुर्थी तिथि मंगलवार सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगी, उसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी.
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Aaj ka Panchang 28 January 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 27 जनवरी 2024 का पंचाग...
वार-मंगलवार
व्रत-त्योहार: अंगारकी चतुर्थी
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:11 एएम
सूर्यास्त: शाम 5:58 पीएम
तिथि चतुर्थी: 08:54 एएम तक उसके बाद पञ्चमी
नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी: 10:06 पीएम तक उसके बाद हस्तपक्ष कृष्ण पक्षमास माघ
30 जनवरी 2024 का शुभ मुहूर्त
कृष्ण पक्ष की उदया चतुर्थी तिथि: 30 जनवरी 2024 को सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगी, उसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी.
सुकर्मा योग:30 जनवरी को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर अगले दिन की दोपहर के पहले 11 बजकर 40 मिनट तक.
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र: 30 जनवरी को रात 10 बजकर 6 मिनट तक.
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त: 11:49 एएम से 12:33 PM
अमृत काल मुहूर्त: 01:57 PM से 03:46 PM
विजय मुहूर्त: 02:01 एएम से 02:45 AM
गोधूलि मुहूर्त: 05:38 PM से 06:04 PMसायाह्न संध्या मुहूर्त 05:40 PM से 06:58 PM
राहुकाल का समय
दिल्ली: दोपहर बाद 03:15 से शाम 04:36 तक.
मुंबई: दोपहर बाद 03:40 से शाम 05:05 तक.
लखनऊ: दोपहर बाद 03:02 से शाम 04:24 तक.
भोपाल: दोपहर बाद 03:19 से शाम 04:41 तक.
कोलकाता: दोपहर 02:36 से दोपहर बाद 03:59 तक.
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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