Surya Grahan 2023: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण जल्द लगने वाला है, सूतक काल में न करें कोई शुभ काम
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Surya Grahan 2023: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण जल्द लगने वाला है, सूतक काल में न करें कोई शुभ काम

Surya Grahan 2023:  खगोल शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रहण की घटना तब होती है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण कब लगने जा रहा है और इसका सूतककाल कितने बजे शुरू होगा.

Surya Grahan 2023: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण जल्द लगने वाला है, सूतक काल में न करें कोई शुभ काम

Surya Grahan 2023: खगोलशास्त्र और धार्मिक नजरिए से सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटना को सबसे अहम माना जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को लेकर काफी मान्यताएं हैं. ग्रहण के दौरान कई ऐसी चीजें होती है जिसे करना शुभ नहीं माना जाता. ज्योतिष वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. वहीं खगोल शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रहण की घटना तब होती है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है. ऐसे में चंद्रमा सूर्य को ढ़क लेता है और कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है. इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण कब लगने जा रहा है और इसका सूतककाल कितने बजे शुरू होगा.

साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण
हिंदू पंचांग की गणना के मुताबिक साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है. यह ग्रहण अश्विन माह  की अमावस्या तिथि को लगेगा. गौरतलब है कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है. भारतीय समय के मुताबिक साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा जो 2 बजकर 24 मिनट तक चलेगा.

कहां-कहां दिखाई देगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण
14 अक्टूबर 2023 को लगने वाला सूर्य ग्रहण को अमेरिका, कनाडा, आइलैंड, अर्जेटीना, क्यूबा, पेरु, उरुग्वे और ब्राजील में दिखाई देगा. भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकता है.

सूर्य ग्रहण 2023 का सूतक काल
सूर्य ग्रहण की घटना के दौरान ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है. सूतक काल का असर तभी खत्म होता है जब ग्रहण खत्म होता है. ऐसे में 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्यग्रहण का सूतक काल सुबह 8 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतककाल के दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं करना होता है. सूतक काल में न ही खाना पकाया जाता और न ही खाना खाया जाता है. सूतक काल के दौरान भगवान को स्पर्श करना और उनकी पूजा करना भी वर्जित होता है. सूर्य ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के दरवाजे बंद हो जाते हैं. ग्रहण की समाप्ति के साथ ही सूतक काल खत्म होता जाता है और फिर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा.

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