Kharmas 2023: सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है. धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. बीमारियां और रोग बढ़ते हैं. इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं इसलिए इसे धनु खरमास भी कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय में सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है और मीन संक्रांति के समय में गुरु का प्रभाव भी कम होता है. इस वजह से खरमास में शुभ कार्य नहीं होते हैं. गुरु ग्रह को मांगलिक कार्यों के लिए उत्तरदायी माना जाता है. गुरु का प्रभाव जब अधिक होता है तो शुभ कार्य करते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस दिन से  शुरू होगा खरमास
सूर्य देव जब धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं, तो सूर्य देव के तेज प्रभाव से धनु और मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति का प्रभाव बहुत कमजोर हो जाता है. इसके चलते एक महीने तक खरमास लगता है. खरमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर को सूर्य देव शाम 03 बजकर 58 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए खरमास की शुरुआत इसी दिन से होगी.


2024 में इन 5 राशियों  की शनिदेव कर देंगे नाम में दाम, भूलकर भी न करें ये गलतियां


दो बार होते हैं खरमास
हर साल दो बार खरमास लगते हैं. पंचांग के अनुसार जब सूर्य देवता देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब खरमास लगता है. जिसकी अवधि एक माह है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि संपन्न नहीं किया जाता है. हिंदु धर्म में खरमास को अशुभ माना गया है. 


खरमास में क्या नहीं करें


शुभ कार्य वर्जित
खरमास के समय में नए कार्य या मांगलिक कार्य का शुभारंभ नहीं होता है. नया बिजनेस करना चाहते हैं या नया दुकान खोलना चाहते हैं तो आप खरमास के पहले या बाद में कर लें.


विवाह-मुंडन से जुड़े कार्य
खरमास के समय में विवाह, सगाई, विदाई आदि से जुड़े कार्यक्रम नहीं करते हैं. मुंडन, उपनयन संस्कार आदि भी खरमास के दौरान वर्जित है.


Diwali 2024: साल 2024 में कब पड़ेगी दिवाली, अक्टूबर या नवंबर, जान लीजिए सही डेट


नए मकान में प्रवेश
खरमास में नए मकान में गृह प्रवेश नहीं होता है. खरमास में नए भवन का निर्माण कार्य या नींव पूजा नहीं कराते हैं. पहले से जो भवन बन रहा है, उसका जारी रह सकता है.


नया व्यापार
खरमास में नया बिजनेश शुरू नहीं करते हैं. ऐसा करने से उसमें संघर्ष बढ़ जाता है और सफलता की संभवानाएं कम हो जाती है. नुकसान भी उठाना पड़ता है.


खरमास में क्या करें
पूरे माह सूर्य देव की पूजा 
हिंदू पंचांग के अनुसार इस दौरान कुंडली में सूर्य का प्रभाव प्रबल रहता है. इस समय सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए. रोज जल में कुमकुम मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. सूर्य मंत्र के जाप से विशेष लाभ होता है. खरमास पौष माह में आता है और इस माह के देव सूर्य ही हैं. ऐसे में इस पूरे माह आपको सूर्य देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए. इस महीने सूर्य देव की पूजा करने से सुख,संपत्ति और धन धान्य में वृद्धि होती है. 


Dhanu Sankranti 2023: कब है धनु संक्रांति? इस दिन मिलता है आरोग्य का वरदान, जानिए किस देवता की होती है पूजा


अधिक से अधिक दान पुण्य 
खरमास के समय में आपको ज्यादा से ज्यादा दान पुण्य करना चाहिए. इस महीने में रविवार का व्रत करना भी अति उत्तम माना जाता है. खरमास के समय में दैनिक पूजा पाठ, व्रत आदि करने पर कोई रोक नहीं होता है. 


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.


Makar Sankranti 2024: साल 2024 में कब है मकर संक्रांति, 14 या 15 जनवरी का नहीं होगा कनफ्यूजन, नोट कर लें डेट और शुभ मुहूर्त


Dev Deepawali 2023 Upay: आपकी तिजोरी पर कुंडली मारकर बैठ जाएंगे कुबेर, देव दीपावली पर कर लें ये अचूक उपाय


Watch: भगवान राम और सीता को सोने का मुकुट और आभूषण पहनाएंगे सीएम योगी, देखें कितने सुंदर और अलौकिक हैं आभूषण