Shukrawar Ke Upay: अथाह धन-दौलत के बनना चाहते हैं स्वामी? शुक्रवार को करें ये अचूक उपाय
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Shukrawar Ke Upay: अथाह धन-दौलत के बनना चाहते हैं स्वामी? शुक्रवार को करें ये अचूक उपाय

Shukra Stotra: अगर आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में है, तो ज्योतिष शास्त्र में इसे प्रबल करने के कई उपाय बताए गए हैं. आइये जानते हैं शुक्र को मजबूत बनाने का अचूक उपाय  

 

Shukrawar Upay

Shukrawar Upay: शुक्रवार का धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह को समर्पित होता है. शुक्र को भौतिक सुख और सुविधाएं प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, कुंडली में शुक्र के मजबूत होने पर व्यक्ति को धन, संपत्ति, सुख और सुविधाओं की प्राप्ति होती है. वहीं, अगर शुक्र कमजोर है तो व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं का अभाव रहता है. अगर आप भी सभी सुख-सुविधाओं को भोगना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन एक अचूक उपाय कर सकते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए शुक्र स्त्रोत का पाठ करने के लाभ बताए गए हैं. ऐसे में अगर आप भी शुक्र ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो  

इस स्तोत्र का पाठ जरूर करें 

शुक्र स्तोत्र

नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम:।।

देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग:।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर:।।

प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम:।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे।।

तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर:।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह।।

अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे।
त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान।।

विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन।।

बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम:।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम।।

जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम:।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि।।

नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन:।।

य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम।।

राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै:।।

अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात।।

यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत:।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि:।।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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