Teej Festivals 2023: बहुत से लोग हरियाली व हरितालिका तीज को एक समझने की भूल कर लेते हैं...हिंदू संस्कृति में तीज का विशेष महत्व है. एक साल में तीन बार तीज पड़ती है, जिसे हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज के रूप में जाना जाता है...ऐसे में आज यहां पर हम जानते हैं कि इन तीनों तीज में क्या और किस तरह का अंतर होता है...
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Hariyali-Hartalika-Kajari-Teej: हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में कई ऐसे व्रत और त्योहार होते हैं, जिन्हें महिलाएं बहुत धूमधाम से मनाती हैं. इन्हीं त्योहारों में से एक है तीज व्रत, जो साल में तीन बार आता है. हरियाली (Hariyali Teej), कजरी (Kajari Teej)और हरतालिका तीज (Hartalika Teej) भले ही ये एक-दूसरे से अलग हों, लेकिन इनमें कुछ समानता भी पाई जाती हैं. सावन मास में हरियाली अमावस्या की शुक्ल पक्ष की तीज को हरियाली तीज कहा जाता है. इसके बाद भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तीज के दिन हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. हरियाली तीज और हरतालिका तीज दोनों ही व्रत माता पार्वती से जुड़े हुए हैं. इस दौरान महिलाएं मां पार्वती का व्रत रख पूजा करती हैं. इस वर्ष 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज पड़ रही है. वहीं, हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर 2023 को रखा जाएगा.
साल में होते हैं तीन तीज व्रत
1-हरियाली तीज
2-कजरी तीज
3-हरतालिका तीज
1- हरियाली तीज (Hariyali Teej 2023)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार हरियाली तीज का त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है. हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व पर सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के साथ यह व्रत रखती हैं. सुहागिन स्त्रियां महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं. इस वर्ष 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज पड़ रही है. हरियाली तीज के पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती की से पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हरियाली तीज पर ही भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. हरियाली तीज से एक दिन पहले नवविवाहित लड़की की ससुराल से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान,मेहंदी और मिठाई भेजी जाती है.
2-कजरी तीज 2023 (Kajri Teej 2023)
पौराणिक हिंदू मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. इस व्रत को भी सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. कजरी तीज को सातुड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है. कजरी तीज का पर्व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश,बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है.
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3-हरितालिका तीज 2023 (Haritalika Teej 2023)
हर साल हरितालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर 2023 को रखा जाएगा. इसे उत्तर और मध्य भारत में तीजा के नाम भी जाना जाता है. सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं. कुंवारी लड़कियां भी ये व्रत अच्छे वर के लिए रखती हैं. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने इस व्रत को रखा था, इसलिए इस व्रत का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत करती है और अगले दिन जल ग्रहण करती हैं. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
ये होता है अंतर
हरियाली तीज सावन महीने में हरियाली अमावस्या (Haryali Amavasya) के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली तीज होती है.बात करें हरितालिका तीज की तो ये भाद्रपद शुक्ल तीज को कहते हैं.
एक में पर्व की मस्ती, दूसरे में कड़े नियम
Hariyali Teej मौज-मस्ती का दिन माना जाता है. इस दिन युवतियां और महिलाएं झूला झूलती हैं. इस दिन तीज की सवारी के साथ जगह- जगह मेलों का भी आयोजन होता है. जबकि हरितालिका तीज में व्रत के कड़े नियम है और इनका पालन करना जरूरी होता है. इस दिन कहीं भी मेले का आयोजन भी नहीं होता.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.
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