Lord Shiv And Hanuman: भगवान शिव ने क्यों लिया हनुमान रूप में अवतार, जानें पौराणिक कथा
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Lord Shiv And Hanuman: भगवान शिव ने क्यों लिया हनुमान रूप में अवतार, जानें पौराणिक कथा

Mangalvaar Vishesh: भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप में क्यों अवतार लिया इसको लेकर आम जनमानस के मन में कई प्रकार के सवाल रहते हैं. यहां आगे हम आपको भगवान शिव के हनुमान अवतार की कथा बताने जा रहे हैं. धर्म की अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें....

 

Mangalvaar Vishesh

Mangalvaar Vishesh: भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. भोलेनाथ ने अपने भक्तों की रक्षा के लिए 12 अवतार लिए, इन सभी को भगवान शिव के 12 रूद्र अवतारों के रूप में जाना जाता है. इस सभी रूपों में हनुमान अवतार को श्रेष्ठ माना जाता है. भगवान शिव ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया था इस बात का कई धर्म ग्रंथों में उल्लेख मिलता है. यहां आगे बताया जा रहा है कि आखिर भोलेनाथ ने हनुमान रूप में अवतार लिया. आगे पढ़ें इससे जुड़ी पौराणिक कथा. 

यह कहानी रामायण के प्रारंभ की है, जब पृथ्वी पर श्री राम जी अवतार हुआ था. वास्‍तव में शिव का अवतार हनुमान ही थे और यह भी सत्‍य है कि भगवान राम ही शिव के हनुमान अवतार का कारण बने थे. रामायण में बताया गया है कि एक बार भगवान शिव की भी इच्छा हुई कि पृथ्वीलोक चलकर भगवान राम के दर्शन किये जायें. उस समय भगवान राम जी की आयु लगभग 5 वर्ष के आसपास रही होगी. भगवान शिव के सामने समस्‍या यह थी कि वह अपने असली रूप में जा नहीं सकते थे. ऐसे में एक दिन शिव ने माता पार्वती से कहा- जानती हो पार्वती मेरे राम ने पृथ्‍वी पर जन्म लिया है और उनके दर्शन की सेवा का मन हुआ है. मेरी इच्छा है कि अब में यहां से चला जाऊ और जिस लोक में राम हैं वहीं मैं भी रहूं. 

यह सुनकर पार्वती विचलित हो गईं और दुखी होकर बोलीं कि हे स्वामी मुझसे ऐसी कौन-सी गलती हो गयी है कि आप मुझे यहां छोड़कर पृथ्‍वी लोक पर रहने जा रहे हैं. उन्‍होंने कहा स्वामी आप यदि जाते हैं तो जाइये लेकिन एक बात सुन लीजिये कि आपके बिना मैं यहां जीवित नहीं रहूंगी. 

पार्वती मां के बात सुनकर शिव को अहसास हुआ कि पार्वती भी मेरे बिना नहीं रह सकती हैं. और अगर मैं यहां से गया तो निश्चित ही रूप से पार्वती अपने प्राणों की बलि दे देगी. ऐसे में शिव भगवान मोह के एक चक्रव्यूह में फंस जाते हैं. क्योकि एक तरफ माता पार्वती जी के पास भी रहना था और दूसरी तरफ भगवान राम के लोक में भी जाना था. 

ऐसे में भगवान शिव ने अपने ग्यारह रुद्रों का पूरा राज माता पार्वती को बताया और बोले- देखो पार्वती इन ग्यारह रुद्रों में से एक रूप वानर का अवतार आज में लेने वाला हूं. एक रुद्राक्ष में से आज एक रूप वानर होगा जो बाद में हनुमान के रूप में जाना जायेगा. शास्त्र बताते हैं कि भगवान शिव सब जानते थे. शिव जी राम जी के पूरे जीवनकाल को देख पा रहे थे, वह जानते थे कि एक बार राम जी को पृथ्वी का कल्याण करने के लिए मेरी आवश्यकता होगी.  शिव को यह भी पता था कि कलयुग में ना मैं नजर आऊंगा और ना ही राम, तब कोई अवतार भी धरती पर नहीं होगा. इसलिए शिव ने अपने एक शक्तिशाली रूप को जन्म दिया जो कलयुग में भी अजर-अमर रहेगा और पृथ्वी लोक के लोगों के दुःख-दर्द को दूर किया करेगा. इसलिए आज भी भक्त लोग हनुमान जी के दर्शन साक्षात् कर लेते हैं. इस बात के कई सबूत मिल चुके हैं कि हनुमान जी आज भी धरती पर मौजूद हैं. 

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