सेल ने जारी किए आंकड़ों पर गौर करें तो ट्रैफिक नियमों के पालन करने से राजधानी लखनऊ में होने वाले कुल हादसों में 37 प्रतिशत की कमी आई है.
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मयंक राय/लखनऊ: Road Safety Cell ने प्रदेश में सड़क हादसों को लेकर रिपोर्ट जारी की है जो बीते सालों की तुलना में बेहद संतोषजनक है. इन आंकड़ों में न केवल लोगों की जान कम गई बल्कि हादसों की संख्या में भी काफी कमी आई है.
क्या कहते हैं आंकड़े
सेल ने जारी किए आंकड़ों पर गौर करें तो ट्रैफिक नियमों के पालन करने से राजधानी लखनऊ में होने वाले कुल हादसों में 37 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं प्रदेश भर में यह आंकड़ा भी राहत देता है जिसमें 29 फीसदी सड़क हादसे कम हुए. पुलिस विभाग की मानें तो हादसों में लोग खुद भी सड़क नियमों को लेकर जागरूक हुए हैं. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियमों का पालन भी सख्ती के साथ कराया गया.
हादसों में घायलों को मिला तुरन्त ईलाज
ट्रैफिक नियमों से चलने पर सड़क हादसों में 26 फीसदी लोगों को बचाया भी गया. जहां भी हादसों की सूचना मिली पुलिस द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लोगों का तुरंत इलाज कराया गया. जिस वजह से गम्भीर घायलों को भी बचाया जा सका. आंशिक रूप से घायलों को मौके पर तुरंत उपचार मिलने से उनकी स्तिथि बेहतर हुई.
पहले नंबर पर मुरादाबाद
प्रदेश में सबसे कम सड़क हादसों में पहले नंबर पर मुरादाबाद है. वहीं दूसरे पर नोएडा और तीसरे पर राजधानी लखनऊ रहा. उधर,
सबसे अधिक सड़क हादसों में प्रदेश का कासगंज, हरदोई और औरैया जिला शामिल है.
मौत की संख्या में आई कमी
राजधानी लखनऊ में बीते साल जनवरी से लेकर अगस्त 2019 में 1,145 हादसों में 374 लोगों की मौत हुई तो वहीं लखनऊ में जनवरी से अगस्त 2020 में 727 हादसे में 324 लोगों की मौत हुई. हादसों में आई कमी को लेकर लॉक डाउन भी बड़ी वजह मानी का रही है. इस दौरान करीब पांच माह तक लोग सड़कों पर कम ही उतरे. लॉक डाउन के दौरान प्रदेश में कुछ बड़े हादसे भी हुए जिसमें एक साथ कई लोगों की जान गई. इसमें दिल्ली से गोरखपुर जा रही बस का हादसा बड़ा था जिसमें 24 मौते हुईं.
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