रामगोपाल यादव ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी महागठबंधन के नेता नहीं होंगे. इतना ही नहीं, सपा के वरिष्ठ नेता ने यह तक दिया कि सेमीफाइनलिस्ट भी फाइनल हार जाते हैं.
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नई दिल्ली: कांग्रेस मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत का श्रेय पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को देने में जुटी है. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कांग्रेस को परेशानी में डालने वाला बयान दिया है. रामगोपाल यादव ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी महागठबंधन के नेता नहीं होंगे. इतना ही नहीं, सपा के वरिष्ठ नेता ने यह तक दिया कि सेमीफाइनलिस्ट भी फाइनल हार जाते हैं.
रामगोपाल यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में सपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या सपा राहुल गांधी का महागठबंधन का नेता मानेगी? इस पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी महागठबंधन के नेता नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेमीफाइनल जीत गई है, इसके लिए उन्हें बधाई है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि फाइनल जीतने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. कभी-कभी सेमीफाइनलिस्ट भी फाइनल हार जाते हैं. अगर किसी को जीत का घमंड होता है तो वह टूट जाएगा. महागठबंधन का नेता कौन होगा यह बात 40 पार्टियां मिलकर तय करेंगी.
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि जनता बीजेपी के झूठे वादों और जाति-संप्रदाय की राजनीति से ऊब चुकी है और अब उनके बहकावे में नहीं आने वाली है.
अखिलेश ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यहां एक बयान में कहा कि इन राज्यों में जनता की एकजुटता ने ही बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया हैं.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने इन चुनावों में समाज को तोड़ने और नफरत फैलाने में ही अपनी सारी ताकत लगा दी थी. उसने जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिशें कीं. बीजेपी सत्ता के अंहकार में इतनी डूबी थी कि उसने किसानों, गरीबों, नौजवानों की आकांक्षाओं को ही कुचलना शुरू कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चुनावों में जनता ने राज्य के सत्ता प्रतिष्ठानों के साथ केन्द्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भी नाराजगी जताई है. इन चुनाव नतीजों का असर निश्चित रूप से अगले साल के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. सपा बीजेपी की जनविरोधी, विकास विरोधी एवं साम्प्रदायिक राजनीति को उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त देगी. मालूम हो कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की हार हुई है और कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है.