प्रयागराज: अयोध्या में बनने रामलला के भव्य मंदिर के लिए जन सहयोग अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से होगी. इसमें लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने की रणनीति बनाने के लिए 19 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के काशी प्रांत के कार्यालय में संतों की बैठक होगी. इसके बाद 21 दिसंबर को काशी के बाबा बालक दास आश्रम में भी संत समाज की बैठक होगी. इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने इस बात की जानकारी दी थी कि राम भक्तों के स्वैच्छिक सहयोग से ही ट्रस्ट मंदिर का निर्माण करेगा. इसमें किसी तरह के सरकारी धन का उपयोग नहीं होगा. 


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विहिप के प्रांतीय संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने बताया कि केसर भवन में संत सम्मेलन दोपहर 2 बजे से चार बजे तक होगा. संतों के माध्यम से हिंदू समाज के बीच और संघ विचार परिवार के कार्यकर्ताओं के द्वारा यह अभियान चलाएगा. संत सम्मेलन में प्रमुख रूप से स्वामी वासुदेवानंद, नरेंद्र गिरी, हरि चेतन ब्रह्मचारी, स्वामी गोपाल, राम रतन दास महाराज फलारी बाबा, रामानुजाचार्य, रामदास, ब्रह्म लोचन ब्रह्मचारी, लाल बाबा शिरकत करेंगे. 


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प्रयाग और काशी के प्रमुख संत होंगे शामिल
प्रयाग में होने वाले संत सम्मेलन में प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, सुल्तानपुर, अमेठी के प्रमुख संत शामिल होंगे. जबकि काशी में होने वाले संत सम्मेलन में काशी, जौनपुर, मिर्जापुर, गाजीपुर, सोनभद्र के प्रमुख संत होंगे. इसमें संत समाज के मार्गदर्शन में धन संग्रह अभियान चलाने की रूपरेखा तय की जाएगी. इन्हीं संतों के माध्यम से हिंदू समाज के बीच व संघ विचार परिवार के कार्यकर्ताओं की ओर से जन सहयोग अभियान चलाया जाएगा. इसमें शंकर विमान मंडपम, इस्कान मंदिर, रामकृष्ण मिशन, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, निंबार्क आश्रम, परमानंद आश्रम, योगदा सोसाइटी, विश्वशांति आश्रम, ओम नमः शिवाय, जय गुरुदेव, निरंकारी, वेणी माधव मंदिर, अय्यप्पा मंदिर, जूना, पंचायती, निरंजनी सहित सभी अखाड़ों सभी आश्रम के प्रमुख पूज्य संतों को आमंत्रित किया गया है. 


कैसे कर सकते हैं दान?
जनसंपर्क के दौरान लाखों कार्यकर्ता गांव-गांव और मोहल्लों में जाएंगे. इस दौरान समाज स्वेच्छा से कुछ न कुछ सहयोग करेगा और उसी समर्पण को कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे. आर्थिक पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ट्रस्ट की ओर से 10 रुपये, 100 रुपये,1000 रुपये के कूपन व रसीदें छापी गई हैं. जो जितना दान करेगा, उसी के अनुरूप कूपन या रसीद उन्हें दी जाएगी. 


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मकर संक्रांति से शुरू होगा जनसंपर्क अभियान 
धन एकत्रित करने के लिए जनसंपर्क का कार्य विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से मकर संक्रांति से शुरू होगा और माघ पूर्णिमा तक चलेगा. श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के मुताबिक कि देश का कोई कोना नहीं छूटेगा. अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान निकोबार, कच्छ के रण से लेकर त्रिपुरा तक कार्यकर्ता पहुंचेंगे और राम भक्तों से मुलाकात करेंगे.  


जल्द सामने होगा नींव का प्रारूप 
संपूर्ण मंदिर पत्थरों का बनेगा ताकि अगले 1000 वर्षों तक सुरक्षित रहे. आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई तथा आईआईटी गुवाहाटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन टुब्रो और टाटा के इंजीनियर्स नीव की ड्राइंग पर आपस में परामर्श कर रहे हैं. मंदिर की प्रत्येक मंजिल की उंचाई 20 फीट, लंबाई 360 फीट तथा चौड़ाई 235 फीट होगी. बताया जा रहा है कि मंदिर का फर्श धरातल से 16.5 फीट ऊंचा होगा. 


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