UKSSSC 2017: परीक्षा परिणाम के बाद आयोग ने माना पेपर हुआ था लीक
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UKSSSC 2017: परीक्षा परिणाम के बाद आयोग ने माना पेपर हुआ था लीक

परीक्षा 2017 में आयोजित की गई थी, जिसमें 8 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो मालूम चला कि रुड़की के एक ही संस्थान से 66 अभ्यार्थी चयन हो गया. उसके बाद से ही इस परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए. 

 

 

प्रदर्शन करते चयनित अभ्यर्थी.

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एक और परीक्षा पर गड़बड़ियों का आरोप लग रहा है. परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद इसमें पेपर लीक का मामला सामने आ रहा है और खुद आयोग भी मान रहा है कि इस परीक्षा में पेपर लीक हुआ. आपको बताते चले कि आयोग के माध्यम से 2017 में हुई जूनियर इंजीनियर पदों पर भर्ती का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अधीनस्थ चयन आयोग ने 2017 में यूपीसीएल और पिटबुल के लिए ढाई सौ पदों पर परीक्षा आयोजित की थी. परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया गया, लेकिन उसके बाद इस परीक्षा में धांधली के आरोप लगने लगे. बुधवार (19 दिसबंर) को चयनित अभ्यर्थियों ने आयोग का घेराव कर जमकर नारेबाजी. 

दरअसल, चयनित अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया की लिखित परीक्षा की जो जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में जमा की गई है, वह सही नहीं है. इस मामले में जिन अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ, उन्होंने लिखित परीक्षा पर सवाल खड़े किए थे और रुड़की स्थित एक कोचिंग संस्थान से 66 बच्चों के चयन पर संदेश जताया था कि एक ही संस्थान से इतने अभ्यर्थी कैसे सफल हो गए. आयोग के सचिव ने भी माना कि प्रथम दृष्टया इस परीक्षा में पेपर लीक सामने आ रहा है. 

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उन्होंने कहा कि हरिद्वार डीएम से इस भर्ती परीक्षा की जांच कराई गई है, जिसमें गड़बड़ियों की इसकी पुष्टि भी हो रही है. मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है और इसमें सुनवाई चल रही है. लेकिन एक बार फिर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि परीक्षा 2017 में आयोजित की गई थी, जिसमें 8 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो मालूम चला कि रुड़की के एक ही संस्थान से 66 अभ्यार्थी चयन हो गया. उसके बाद से ही इस परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए. 

सचिव ने बताया कि परीक्षा की जांच डीएम हरिद्वार दीपक रावत से कराई गई तो इसमें कई खामियां निकली. वहीं सफल अभ्यर्थी अमित कुमार पाटिल ने कहा कि आयोग ने जो रिपोर्ट हाइकोर्ट के सामने रखी है, उसको क्रॉस चेक नहीं किया. जूनियर इंजीनियर के पद पर चयनित करिश्मा ने बताया कि लंबे समय से वो नियुक्ति के आयोग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. 

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