श्रीकांत शर्मा बोले, करारी हार के डर से बौखलाए हैं 'बुआ-बबुआ'
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श्रीकांत शर्मा बोले, करारी हार के डर से बौखलाए हैं 'बुआ-बबुआ'

उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा को अपनी करार हार अभी से नजर आ रही है, इसीलिए उसके नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ फुजूल बयानबाजी कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की फाइल फोटो.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी आसन्न करारी हार देख कर सपा और बसपा बौखला गई हैं. शर्मा ने रविवार (10 मार्च) रात एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता ने बसपा अध्यक्ष मायावती और उनके गठबंधन साथी भतीजे सपा मुखिया अखिलेश यादव के भ्रष्टाचार और कुशासन वाली, भू माफिया, खनन माफिया शराब माफिया अपराधियों को तवज्जो देने वाली सरकार देखी है. उसी जनता ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 'सबका साथ, सबका विकास' के लक्ष्य को लेकर चलने वाली सरकार भी देखी है.

उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा को अपनी करार हार अभी से नजर आ रही है, इसीलिए उसके नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ फुजूल बयानबाजी कर रहे हैं. शर्मा ने दावा किया कि वर्ष 2008 में हुए मुम्बई हमलों के बाद सेना चाहती थी कि पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों को नष्ट किया जाए लेकिन सपा-बसपा के समर्थन से चल रही केंद्र की कांग्रेस सरकार के पास इच्छा शक्ति नहीं थी. भाजपा ने सेना का मनोबल बढ़ाया तथा उरी और पुलवामा के हमलावरों और उनकी पनाहगाह को नेस्तनाबूत किया.

उन्होंने कहा कि जनता मजबूर नहीं मजबूत सरकार चाहती है, जिससे नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की मजबूत इमारत का लक्ष्य पूरा हो सके. लिहाजा, जनता झूठ-फरेब, भ्रष्टचार, जातिवाद और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाले गठबंधन का सूपड़ा साफ़ करेगी और उसे राहत देने वाली मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत दिलाएगी.

शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मेट्रो रेल परियोजना को भी पार्टी की तरह खनन माफिया से जुटाई अपनी खुद की सम्पत्ति समझ रहे हैं. उन्हें यह याद होना चाहिए कि विकास योजनाएं उनकी निजी संपत्ति नहीं हैं. नारियल फोडू सपा सरकार ने फोटोअप के लिए परियोजनाओं के शिलापट लगाए थे.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विकास एवं गरीब विरोधी बसपा प्रमुख मायावती भाजपा पर आरोप लगाने से पहले मूर्ति घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर भी गौर कर लें, जिसमें अदालत ने जनता की गाढ़ी कमाई से पार्कों में अपनी स्वयं की मूर्ति और चुनाव निशान बनाने में लगी रकम सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा है. पहले वह स्मारक घोटाले की रकम सरकार के खजाने में जमा करें, यदि वह असमर्थ हैं तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी चुनावी बुआ का सहयोग करें.

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