एसआईटी ने इस दौरान अपनी पड़ताल के दौरान हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज करने के साथ चंदपा थाना के पुलिसकर्मियों, हाथरस जिला अस्पताल तथा अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से भी बातचीत की.
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लखनऊ: हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित एसआईटी (Special Investigation Team) ने अपनी पड़ताल पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि शनिवार तक जांच टीम अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. गृह सचिव भगवान स्वरूप एसआईटी का नेतृत्व कर रहे थे. उनके साथ जांच टीम में डीआइजी चंद्रप्रकाश और एसपी पूनम शामिल थीं. अब इस केस की जांच सीबीआई कर रही है.
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एसआईटी को पहले जांच पूरी करने के लिए सात का समय मिला था. सीएम योगी ने बाद में 10 और दिन की मोहलत दे दी थी. एसआईटी ने इस दौरान अपनी पड़ताल के दौरान हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज करने के साथ चंदपा थाना के पुलिसकर्मियों, हाथरस जिला अस्पताल तथा अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से भी बातचीत की. बूलगढ़ी गांव में बयान दर्ज कराने वालों में पीडि़त परिवार के सदस्य, आरोपित व उनके परिवार के लोगों के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शामिल रहे. एसआईटी मामले में अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट लिख रही है.
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हाथरस के बूलगढ़ी गांव में बीते 14 सितंबर को एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मारपीट का मामला प्रकाश में आया था. युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इस मामले में गांव के ही चार युवक आरोपी बनाए गए हैं, जो फिलहाल जेल में बंद हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तत्काल तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी की शुरुआती जांच के आधार पर ही हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांतवीर तथा सीओ को सस्पेंड किया गया था और अन्य कुछ अधिकारियों पर एक्शन लिया गया था.
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