राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया ट्रस्ट धर्मार्थ ट्रस्ट की तरह काम करेगा. इसका मूल मकसद धार्मिक कार्यों को बढ़ावा देना और धार्मिक स्थलों की देखरेख करना होगा.
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लखनऊ: राम नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत केंद्र सरकार ने ट्रस्ट गठित कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ के नाम से ट्रस्ट को मंजूरी दी. इसका ऐलान पीएम मोदी ने लोकसभा में किया. वहीं मोदी सरकार के फैसले के बाद यूपी सरकार ने भी मस्जिद के लिए अयोध्या से 18 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में जमीन देने का ऐलान किया. मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाएगी.
वहीं, मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित होने के बाद सभी के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ट्रस्ट कैसे होगा. यह कैसे काम करेगा. साथ ही इसमें कौन-कौन शामिल होंगे. तो हम आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया ट्रस्ट धर्मार्थ ट्रस्ट की तरह काम करेगा. इसका मूल मकसद धार्मिक कार्यों को बढ़ावा देना और धार्मिक स्थलों की देखरेख करना होगा. गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय भी इसी के तहत वक्फ बोर्ड बनाते हैं.
सबसे पहले ट्रस्टी बोर्ड बनाया जाएगा जिसमें 10 से 15 लोग रखे जाते हैं. ट्रस्ट के मुख्य उद्देश्य के साथ-साथ रूल्स एंड रेगुलेशन तय किए जाएंगे. इसके बाद मैनेजमेंट कमेटी या फिर मैनेजमेंट बोर्ड बनाया जाएगा. इसे कहीं-कहीं गवर्निंग बॉडी भी कहा जाता है. बोर्ड मेंबर पर हर तरह के फैसले लेने का अधिकार होगा. फिर ट्रस्टी की ओर से चयनित बोर्ड में से कुछ लोगों को लीगल एंटिटी बनाया जाएगा.
बता दें कि इस ट्रस्ट में एक निश्चित तरीके से जनता से पैसा लिया जाएगा. पूरी धनराशि एक बैंक खाते में जमा होगी. खाता एक पैन नंबर से खोला जाएगा है. यानि जिसका पैन नंबर होगा उसी की जवाबदेही होगी. खाते के लिए पैन नंबर देने वाले शख्स का चयन भी बोर्ड ही करेगा. साथ ही ट्रस्टी जिसे लीगल एंटिटी यानी कानूनी अधिकार देगा उस ही पर ज्यादा जिम्मेदारी होगी.