पुलिस से शिकायत करते हुए बच्चे ने कहा कि वो स्कूल जाना चाहता है, लेकिन मां उसे जबरदस्ती काम पर भेजती है और न जाने पर पिटाई भी करती है.
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नई दिल्ली/इटावा: गरीबी की मार झेल रहे एक बच्चे की चाहत को पूरा करने की जिम्मेदारी अब थानाध्यक्ष ने ली है. मामला इटावा का है. जहां एक बच्चा थाने में पढ़ाई करने की फरीयाद लेकर पहुंचा. पुलिस ने बच्चे से उसके बारे में पूछा और फिर थानाध्यक्ष आलोक राय ने ये फैसला किया कि वो बच्चे कि इच्छा को पूरा करेंगे और उनका दाखिला निजी स्कूल में कराएंगे.
Etawah: Boy who works as a labourer & wants to study in private school, sought police help. Station House Officer, Alok Rai, says, 'his father died 2 yrs ago & mother said they are hardly able to earn. If he&his brother study well, I'll help in their education till intermediate' pic.twitter.com/4bZVZIxbT3
— ANI UP (@ANINewsUP) July 6, 2018
जानकारी के मुताबिक, बच्चे के पिता की मौत करीब दो साल पहले हो गई थी. गरीबी की वजह से वो मजदूरी करने को मजबूर था. बच्चा थाने में स्कूल जाने की फरियाद लेकर पहुंच गया. पुलिस से शिकायत करते हुए बच्चे ने कहा कि वो स्कूल जाना चाहता है, लेकिन मां उसे जबरदस्ती काम पर भेजती है और न जाने पर पिटाई भी करती है.
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मामला थाना इटावा के बकेवर क्षेत्र का है. रोज दूसरे बच्चों को स्कूल जाते देखकर बच्चे ने अपनी मां को स्कूल भेजने के लिए कहता, लेकिन वो उनकी नहीं सुनती थी. इस बात से आहत होकर बच्चा सीधे थाने पहुंच गया और अपनी मां के खिलाफ शिकायत की.
बच्चे की पीड़ा सुनकर, थाना बकेवर पुलिस के थानाध्यक्ष ने परिवार के लोगों से बात की. वहीं, बच्चे के परिजनों की परेशानी को देखते हुए पुलिस के थानाध्यक्ष ने मानवता का परिचय देते हुए बच्चे की पढ़ाई की पूरा खर्चा उठाने का जिम्मा उठाया. वहीं, बच्चे के परिजनों ने बताया कि पति की मौत के बाद से घर में खाने के भी लाले पड़े हुए हैं. गरीबी की वजह से मां भी मजदूरी करती है. बच्चों के काम करने के बाद ही खाने का इंतजाम हो पाता है. इसलिए बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं भेजा जाता. बच्चे की पढ़ाई में लग्न को देखते हुए बकेवर पुलिस के थानाध्यक्ष आलोक राय ने बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया.