UP: मस्जिद की जमीन कबूल या नामंजूर? बैठक से पहले ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दो फाड़
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UP: मस्जिद की जमीन कबूल या नामंजूर? बैठक से पहले ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दो फाड़

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों अब्दुल रज्जाक और इमरान माबूद ने मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में उपलब्ध कराई गई जमीन स्वीकार करने का विरोध किया.

अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ जमीन.

लखनऊ: अयोध्या में मस्जिद की जमीन को लेकर सोमवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक शुरू होने से पहले ही विरोध के स्वर उठने लगे. मीटिंग शुरू होने से पहले ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दो फाड़ हो गया. बोर्ड के दो सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार कर दिया. 

बोर्ड के 2 सदस्यों ने जमीन लेने का किया विरोध
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों अब्दुल रज्जाक और इमरान माबूद ने मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में उपलब्ध कराई गई जमीन स्वीकार करने का विरोध किया. इमरान माबूद ने कहा कि शरीयत मस्जिद के बदले कुछ भी लेने की इजाजत नहीं देती. वहीं अब्दुल रज्जाक ने भी इमरान माबूद का समर्थन करते हुए कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई जमीन नही लेनी चाहिए.

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बोर्ड के अध्यक्ष जमीन स्वीकार करने पर सहमत
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिये यूपी सरकार द्वारा दी गई जमीन लेने के मामले में ही अंतिम निर्णय लेने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यह बैठक बुलाई है. हालांकि, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी पहले ही कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दी जा रही जमीन को लेने से इनकार नहीं किया जा सकता. 

यूपी सरकार ने 5 फरवरी को आवंटित की जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष 9 नवंबर को अयोध्या केस में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण करने और केंद्र सरकार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते 5 फरवरी को अयोध्या जिले के सोहावल इलाके में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था. 

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