SC ने दिया 'विकास दुबे' का हवाला, 8 केसों में आरोपी को जमानत से इनकार
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SC ने दिया 'विकास दुबे' का हवाला, 8 केसों में आरोपी को जमानत से इनकार

सर्वोच्च न्यायालय ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की नजीर देते हुए एक शातिर अपराधी को जमानत देने से इनकार कर दिया. 

 

SC ने दिया 'विकास दुबे' का हवाला,  8  केसों में आरोपी को जमानत से इनकार

नई दिल्ली: दर्जनों मुकदमों वाले विकास दुबे के मामले के बाद देश की न्यायपालिका का आरोपियों के खिलाफ रुख सख्त हो गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की नजीर देते हुए एक शातिर अपराधी को जमानत देने से इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस जस्टिस एस ए बोबडे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 64 आपराधिक मामलों वाले एक अपराधी ( विकास दुबे) को जमानत पर रिहा किया गया था. उसके बाद क्या हुआ, सबने देखा. सर्वोच्च न्यायालय में 8 संगीन मामलों में आरोपी एक व्यक्ति ने अपनी जमानत की अर्जी लगाई थी. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने उसे जमानत नहीं दी. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि तुम एक खतरनाक आदमी हो, तुम्हें जमानत नही दी जा सकती.

चीफ जस्टिस एस एस ए बोबडे ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को रिहा करने में खतरे हैं, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं. विकास दुबे मामले का जिक्र करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 64 आपराधिक मामलों वाले एक दुर्दांत अपराधी को जमानत पर रिहा किया गया था. उसके बाद क्या हुआ सबने देखा. अदालत ने कहा कि अपराधियों को मिल रही जमानत से यूपी सरकार भी परेशान है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध का जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों को मिल रही जमानत से राज्य सरकार भी तंग है 

ग़ौरतलब है कि विकास दुबे कानपुर का गैंगस्टर था. पुलिस जब विकास को पकड़ने गई तो उसने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला बोल दिया था. इसमें 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे. फिर विकास दुबे कानपुर से भागकर फरीदाबाद और मध्य प्रदेश पहुंच गया. उसे महाकाल मंदिर में उसे पकड़ा गया. वहां से कानपुर लाते वक्त रास्ते में एक्सिडेंट हुआ, जिसके बाद उसने पुलिस पर हमला करके भागने की कोशिश की. इसमें विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. इससे पहले पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर विकास के कई साथियों का एनकाउंटर किया था. जो उस रात पुलिस पर हमले में शामिल थे. कानपुर में पुलिस वालों की शहादत और विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक आयोग का गठन किया है. जो इस घटना के कारणों और हालात के बारे में जांच करेगा.
 
 

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