शाहजहांपुरः  शाहजहांपुर जिले में लगाए गए पेंशन शिविर में एक दिव्यांग व्यक्ति का नियम विरुद्ध जाकर प्रमाणपत्र बनाने से डॉक्टर के इनकार करने पर भाजपा विधायक ने उनसे 'अभद्रता' की. विधायक के इस तरह व्यवहार करने से परेशान होकर डॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया है.  इस घटना के विरोध में जिला अस्पताल के सभी डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है.


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जिला अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आदित्य प्रकाश आर्य ने बताया कि मंगलवार को निगोही में सरकार की ओर से पेंशन शिविर लगाया गया था. शिविर में आए एक दिव्यांग की एक आंख खराब थी. जांच के बाद उसकी दृष्टि में 30 प्रतिशत की कमी पाये जाने पर उसी के अनुसार दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था.  इसी बीच तिलहर क्षेत्र से भाजपा विधायक रोशनलाल वर्मा ने कथित तौर पर दबाव बनाया कि 40 प्रतिशत से अधिक की दिव्यांगता का प्रमाणपत्र बनाया जाए. मना करने पर वर्मा ने सार्वजनिक रूप से उनसे अभद्रता की. इस घटना के बाद डॉक्टर आर्य ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर.पी. रावत को इस्तीफा सौंप दिया. जिले के डॉक्टरों ने इस घटना का कड़ा विरोध दर्ज कराया है.


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प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव डॉक्टर ओ पी गौतम की अध्यक्षता में आज हुई डॉक्टरों की बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर तीन दिन के अंदर भाजपा विधायक ने लिखित रूप से माफी नहीं मांगी तो जिले के सभी सरकारी डॉक्टर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर पी रावत ने बताया कि नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आर्य ने मंगलवार शाम उन्हें इस्तीफा सौंप दिया है. इस बीच, जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि डॉक्टर आर्य ने उनसे मुलाकात की थी. अगर वह लिखित में शिकायत करते हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी .