सरयू के किनारे स्थापित होगी भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची और भव्य प्रतिमा
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सरयू के किनारे स्थापित होगी भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची और भव्य प्रतिमा

विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा को स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहायता के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया जाएगा. इस कार्य के परिकल्प, संरचना, बिडिंग कार्यवाही और निर्माण कार्य आदि के लिए राजकीय निर्माण निगम की अलग से एक इकाई की स्थापना भी की जाएगी.

  • सरयू के किनारे स्थापित होगी भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची और भव्य प्रतिमा
  • भगवान श्रीराम की प्रतिमा के साथ अयोध्या के समग्र विकास के लिए तैयार करें योजना : CM योगी
  • सरयू के किनारे 100 एकड़ में 251 मीटर भव्य प्रतिमा स्थापित होना प्रस्तावित
  • CM की अध्यक्षता में ट्रस्ट का गठन होगा, ट्रस्ट का नाम और उनके ट्रस्टी भी तय किए जाएंगे

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सरयू के किनारे स्थापित होगी भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची और भव्य प्रतिमा

लखनऊ: अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगेगी. प्रतिमा की ऊंचाई 200 से लेकर 251 मीटर हो सकती है. अयोध्या में सरयू के किनारे सटे 100 हेक्टेअर भूमि पर विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इस संबंध में सोमवार (22 जुलाई) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी की बैठक हुई. इसमें डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, मुख्य सचिव अनूपचंद्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे.

100 एकड़ में 251 मीटर भव्य प्रतिमा 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरयू के किनारे 100 हेक्टेअर भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा स्थापित करने के कार्य को तेजी के साथ शुरू कर दिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि भगवान श्रीराम की प्रतिमा के साथ-साथ अयोध्या के समग्र विकास के लिए पूरी योजना तैयार होनी चाहिए. इसमें भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंडस्केपिंग के साथ-साथ पर्यटकों के मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था हो.

CM की अध्यक्षता में होगी ट्रस्ट का गठन
हाई पावर कमेटी की बैठक में तय हुआ है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा. इसमें ट्रस्ट का नाम और उनके ट्रस्टी भी तय किए जाएंगे. इसके साथ ही राजकीय निर्माण निगम के डिजाइन कंसलटेंट के चयन के लिए पूर्व में की गई कार्यवाही को निरस्त करते हुए नए सिरे से ई.ओ.आई. व टी.ओ.आर. जारी किए जाने का अनुमोदन भी किया गया.

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गुजरात सरकार से ली जाएगी मदद
विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा को स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार के साथ मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहायता के लिए एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया जाएगा. इस कार्य के परिकल्प, संरचना, बिडिंग कार्यवाही और निर्माण कार्य आदि के लिए राजकीय निर्माण निगम की अलग से एक इकाई की स्थापना भी की जाएगी. प्रस्तावित साइट का जियोलाजिकल सर्वे, हाईड्रोलाजिकल सर्वे, साइस्मिक सर्वे तथा नीरी (नागपुर) से इनवायरमेंट असेसमेंट एंड फिजिबिलिटी स्टडी के साथ आईआईटी कानपुर भी इसमें सहयोग करेगा. इस कार्य के लिए सुचारू समन्वय एवं क्रियान्वयन के लिए वित्त विभाग, नगर विकास विभाग, वन विभाग, पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, ऊर्जा विभाग, औद्योगिक विकास विभाग और आवास विभाग से एक-एक नोडल अधिकारी भी नामित किए जाएंगे.

विश्व की सबसे ऊंची और भव्य होगी प्रतिमा
न्यूयार्क में स्टैच्यू आफ लिबर्टी की ऊंचाई 93 मीटर, मुंबई में निर्माणाधीन डॉ. बीआर अंबेडकर जी की प्रतिमा की ऊंचाई 137.2 मीटर, गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की प्रतिमा की ऊंचाई 183 मीटर, चीन में गौतम बुद्ध की प्रतिमा की ऊंचाई 208 मीटर, मुंबई में निर्माणाधीन छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा की ऊंचाई 212 मीटर है. जबकि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रतिमा की ऊंचाई 251 मीटर प्रस्तावित है. जिससे ये विश्व की सबसे ऊंची और भव्य प्रतिमा होगी.

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