84 साल के बुजुर्ग का जज्बा: बने LLB स्टूडेंट, 60 साल का बेटा भी लेगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन
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84 साल के बुजुर्ग का जज्बा: बने LLB स्टूडेंट, 60 साल का बेटा भी लेगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन

सीताराम ने बताया कि साल 1998 में एसजीपीजीआई में चिकित्सीय लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई थी. न्याय के लिए उन्होंने सबसे पहले उपभोक्ता फोरम में गुहार लगाई. यहां से सुप्रीम कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और वर्ष 2018 में जीत हासिल की. इन 20 सालों की लड़ाई में कानून को लेकर काफी क्रेज आया...

84 वर्षीय सीताराम श्रीवास्तव (R), उनके 60 वर्षीय पुत्र (L).

श्याम तिवारी/कानपुर: किसी काम को करने की कोई उम्र नहीं होती. बस‌ मन के अंदर इच्छाशक्ति होनी चाहिए. इसे सच साबित कर दिखाया है कानपुर के पीएफ ऑफिस में इनफोर्समेंट ऑफिसर पद से रिटायर्ड सीताराम श्रीवास्तव ने, जो 84 साल की उम्र में कानून की पढ़ाई करने के लिए सीएसजेएम विश्वविद्यालय के वीएसएसडी कॉलेज में एलएलबी में दाखिला लेने जा रहे हैं. इसके लिए छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने भी अनुमति प्रदान कर दी है. सीताराम जी का कहना है कि उनकी इच्छा डिग्री पाने की नहीं है, बल्कि पढ़ने की है.

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60 साल का बेटा भी करेगा पढ़ाई
सीताराम के साथ उनका 60 साल का बेटा ललित भी एलएलबी की पढ़ाई करेगा. नवाबगंज में रहने वाले सीताराम साल 1962 में एमए की पढ़ाई करने के बाद पीएफ विभाग में नौकरी करने लगे थे. वे 1995 में वह इंफोर्समेंट ऑफिसर के पद से रिटायर हुए. उनका बेटा ललित डिफेंस मिनिस्ट्री में कार्यरत है. 

पत्नी की मौत पर 20 साल लड़ा केस, जागा इंटरेस्ट
सीताराम ने बताया कि साल 1998 में एसजीपीजीआई में चिकित्सीय लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई थी. न्याय के लिए उन्होंने सबसे पहले उपभोक्ता फोरम में गुहार लगाई. यहां से सुप्रीम कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और वर्ष 2018 में जीत हासिल की. इन 20 सालों की लड़ाई में कानून को लेकर काफी क्रेज आया. किताबें पढ़ने के शौकीन सीताराम ने कहा कि उन्हें लगा घर में खाली बैठने से अच्छा है कि एलएलबी की पढ़ाई कर लूं. इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. विनय पाठक से मुलाकात की थी. उन्होंने भी इसकी मंजूरी दे दी.

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पढ़ाई की कोई समय सीमा नहीं
प्रो. विनय पाठक ने बताया कि सीता राम के जज्बे को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें एलएलबी में प्रवेश की अनुमति दी है. नई शिक्षा नीति में पढ़ाई करने के लिए उम्र की कोई भी समय सीमा नहीं है. आने वाले दिनों में और भी लोग इस तरह से एडमिशन ले सकते हैं.

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