भेड़-बकरियों को 10 डिजिट का नंबर दिया जाएगा. यह इनके कान में एक छल्ले पर लिखा होगा. ब्लॉक के पशु अस्पताल में हर गांव की भेड़ और बकरी का रजिस्टर बनाकर रिकॉर्ड रखा जाएगा.
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नई दिल्ली: जल्द ही भेड़-बकरियों को भी आधार नंबर मिलने जा रहा है. दस डिजिट की संख्या वाला यह नंबर भेड़ बकरियों को अलग पहचान दिलाएगा. दरअसल नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NDCP) में भेड़-बकरियों को भी शामिल किया गया है. इससे पहले केवल गोवंश और महीष वंशीय पशुओं को ही एनएडीसीपी (NDCP) की सुविधाएं मिल रही थीं.
पशुपालकों को मिलेगी राहत
केंद्र सरकार ने पशुपालकों को बड़ी राहत दी है. अब NDCP के तहत गोवंश और महीष वंश के अलावा भेड़ और बकरियों का रिकॉर्ड भी पोर्टल पर दर्ज होगा. इसका फायदा यह होगा कि भेड़-बकरियों को भी एनडीसीपी के तहत इलाज की सुविधाएं मिलेंगी. पोर्टल पर भेड़-बकरी के उम्र और पालने वाले नाम और पता भी ऑनलाइन दर्ज होगा. गोवंश और महीष वंश की तरह भेड़-बकरी को भी खुरपका-मुंहपका के टीके लगाए जाएंगे.
इसी महीने शुरू होगी ईयर टैगिंग
भेड़-बकरियों को 10 डिजिट का नंबर दिया जाएगा. यह इनके कान में एक छल्ले पर लिखा होगा. ब्लॉक के पशु अस्पताल में हर गांव की भेड़ और बकरी का रजिस्टर बनाकर रिकॉर्ड रखा जाएगा. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम को 2019 में लांच किया था.
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