यूपी का वो ताकतवर नेता जो कई सरकारों में रहा मंत्री, सभी थे उनकी दूरदर्शिता के कायल
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यूपी का वो ताकतवर नेता जो कई सरकारों में रहा मंत्री, सभी थे उनकी दूरदर्शिता के कायल

आज कलराज मिश्र के जन्मदिन पर हमने उनके बारे में कुछ दिलचस्प किस्से जानने की कोशिश की. इसके लिए कलराज मिश्र को नजदीक से कवर करने वाले जर्नलिस्ट के. विक्रम राव से हमने उनके बारे में बात की...

यूपी का वो ताकतवर नेता जो कई सरकारों में रहा मंत्री, सभी थे उनकी दूरदर्शिता के कायल

निमिषा श्रीवास्तव/नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के एक कद्दावर नेता और मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र का आज 80वां जन्मदिन है. 1941 में आज के ही दिन वे गाजीपुर के मलिकपुर में जन्मे थे. 1955 में राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद वे आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बने. इसी के साथ वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने. 

आज उनके जन्मदिन पर हमने उनके बारे में कुछ दिलचस्प किस्से निकालने की कोशिश की. इसके लिए कलराज मिश्र को नजदीक से कवर करने वाले जर्नलिस्ट के. विक्रम राव से हमने उनके बारे में जाना. आइए आज हम कलराज मिश्र से जुड़ी कुछ बातें कुछ किस्से आपके साथ शेयर करे हैं.

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अयोध्या आंदोलन का श्रेय कलराज मिश्र को
कलराज मिश्र के बारे में जो बात सबसे चर्चित होनी चाहिए थी वह था बाबरी मस्जिद के खिलाफ अयोध्या आंदोलन. इस आंदोलन का श्रेय कल्याण सिंह और कई और नेताओं को तो मिला, लेकिन कलराज भी इस श्रेय के हकदार थे. उस वक्त वे प्रदेश अध्यक्ष थे, विधायक थे और एक दिग्गज नेता तो थे ही. 

पूरे विश्वास के साथ कहा था अपने दम पर सरकार बनाएंगे
1991 के विधानसभा चुनाव से पहले, बाबरी ढांचे के खिलाफ आंदोलन के दौरान कई कार्यसेवकों की जान गई थी. उस समय मुलायम सिंह यादव की सरकार थी. कलराज मिश्र के साथ एक इंटर्व्यू में के. विक्रम राव ने उनसे सवाल किया कि अगर आपकी पार्टी (बीजेपी) को बहुमत नहीं मिलता है, तो किसके साथ समझौता करेंगे? उस समय विकल्प में मायावती की बीएसपी और कई छोटी पार्टियां थीं. लेकिन कलराज मिश्र ने कहा कि उन्हें कि निश्चित तौर पर उन्हें बहुमत मिल रहा है और वह अपने दम पर ही सरकार बनाएंगे. 

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हालांकि, उस समय आंकड़ें कुछ और बयां कर रहे थे. आकलन के हिसाब से भाजपा काफी पीछे चल रही थी. ऐसे में उनसे फिर सवाल किया गया कि कभी-कभी राजनीति में असंभव चीजें देखने को मिल जाती हैं. कई बार आकलन सही या गलत साबित हो जाते हैं. फिर भी कलराज मिश्र पूरे इंटर्व्यू में लगातार जिद करते रहे कि सरकार तो वह अकेले ही बनाएंगे. और हुआ भी ऐसा ही. भाजपा ने बहुमत से सरकार बनाई और 1991 में कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. एक साल बाद विवादित बाबरी ढांचा गिराया गया. 

दूरदर्शी नेता हैं कलराज मिश्र
के. विक्रम राव का कहना था कि एक पत्रकार होने के नाते उन्हें ये बात आश्चर्यजनक लगी कि कई बार नेता हवा में ही कह देते हैं कि उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत लाएगी. लेकिन कलराज मिश्र उन नेताओं में से नहीं थे. वे पहले ऐसे व्यक्ति थे जो परिस्थितियां खिलाफ होने के बावजूद भी निश्चित रूप से कहते थे कि वही सरकार बनाएंगे और ऐसा कर के भी दिखाया. 

हालांकि, पार्टी की उन्नति का श्रेय भी उन्हें इतना नहीं मिला, जितने के वे हकदार हैं. केंद्रीय मंत्रिमण्डल से हटाए जाने के बाद राज्यपाल बनने तक के सफर के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा. यह बात साफ जाहिर है कि कलराज मिश्र में राजनैतिक दूरदर्शिता बहुत है. 

बदली पूर्वांचल की आर्थिक स्थिति
मोदी सरकार में कलराज मिश्र के पास सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय था. उस समय पूर्वांचल उत्तर प्रदेश (जो राज्य का काफी पिछड़ा इलाका रहा है) में कलराज मिश्र ने अपने मंत्रालय के जरिये काफी योजनाएं बनाईं और एक आर्थिक क्रांति लाने का प्रयास किया. पूर्वांचल में जो आर्थिक करवट आई, उसमें कलराज मिश्र का ही योगदान है. 

मुश्किल रहा मंत्रिमण्डल से हटने के बाद राज्यपाल का सफर
कलराज मिश्र अटल बिहारी के करीबी रहे हैं. साथ ही वे उत्तर प्रदेश में भाजपा का ब्राह्मण चेहरा रहे. लेकिन सरकार ने उनके बारे में थोड़ा कम या थोड़ा देर से सोचा. बाकी नेताओं को तो जगह दे दी गई, लेकिन कलराज मिश्र को टिकट नहीं मिला. यह बात के. विक्रम राव को भी अजीब लगती थी कि वह व्यक्ति जो एक कद्दावर नेता है, उसे पार्टी ने छोटी-छोटी चीजों से वंचित रखा. हालांकि, जब उन्हें राजस्थान के राज्यपाल का पद मिला, तब ऐसा लगा कि अब एक दिग्गज नेता के साथ इंसाफ किया गया है. 

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हमारी पीढ़ी के लिए आदर्श हैं कलराज मिश्र
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के अध्यक्ष प्रांशु द्विवेदी ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए बताया कि कलराज मिश्र हमारी पूरी पीढ़ी के लिए आदर्श हैं. जिस बेदाग छवि के साथ उन्होंने इतनी लंबी राजनीतिक पारी खेली है, वैसा कम ही देखने को मिलता है. उनके लिए यह गर्व की बात है कि जिस युवा मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष कलराज मिश्र जी रहे, वह भी उसमें दायित्व निभा रहे हैं. 

एक किस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि जब पूर्ववर्ती सरकार ने उनपर द्वेषपूर्ण कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया था तो कलराज मिश्र उनसे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मिलने आए थे. वहां उन्होंने हौसला तो बढ़ाया ही, साथ ही एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही. कलराज मिश्र ने उनसे कहा कि इस दौर में आपका संघर्ष जितना प्रबल होगा, आपकी विजय उतनी ही व्यापक और सशक्त होगी.

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