मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व डॉ. दिनेश शर्मा 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब 7 महीने से भी कम वक्त बचा है. भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव में 403 में से 300 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, रणनीतियां बन रही हैं, सियासी समीकरण साधे जा रहे हैं.
दिग्गजों को चुनाव लड़ाने के पीछे BJP की रणनीति
इसी कड़ी में एक खबर यह भी आ रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व डॉ. दिनेश शर्मा 2022 में विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. ये तीनों वर्तमान में विधान परिषद सदस्य हैं, इनका कार्यकाल सितंबर 2022 में समाप्त हो रहा है. भाजपा की कोशिश तीनों को चुनावी अखाड़े में उतारकर आसपास की विधानसभा सीटों को साधने की है.
CM योगी, केपी मौर्या और दिनेश शर्मा लड़ेंगे चुनाव
ऐसी चर्चा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या सीट से 2022 का चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू और डॉ. दिनेश शर्मा को लखनऊ पश्चिमी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है. इसी तरह कैबिनेट मंत्री डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह को भी प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से मैदान में उतारने की तैयारी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को बुंदेलखंड में किसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.
CM के लिए सीट छोड़ने को तैयार अयोध्या विधायक
अयोध्या से भाजपा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा, "यह मेरा सौभाग्य है. मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट खुशी से खाली करने को तैयार हूं. मैं 2017 से प्रतीक्षा में हूं. मैंने तो 2017 में कहा था कि जब योगी जी को विधान परिषद या विधानसभा सदस्य बनना था. अगर वह अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो यह हम सभी का सौभाग्य होगा."
विधान परिषद सदस्य हैं CM और दोनों डिप्टी सीएम
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद 18 सितंबर 2017 से वह विधान परिषद सदस्य हैं. इसी तरह केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा ने भी 19 मार्च 2017 को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सितंबर 2017 से विधान परिषद सदस्य हैं. डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह 2012 से लगातार विधान परिषद के सदस्य हैं. स्वतंत्र देव सिंह ने सितंबर 2017 में विधान परिषद सदस्य के रूप में शपथ ली थी.
यूपी चुनाव को लेकर क्या है अन्य पार्टियों की तैयारी
उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाला विधानसभा काफी दिलचस्प होने वाला है. बसपा ने जहां अकेले चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की है, वहीं समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन किया है. सपा की तैयारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी व अन्य छोटे दलों को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरने की है. कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन प्रियंका गांधी वाड्रा ने गठबंधन से इनकार भी नहीं किया है.
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