उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defense Industrial Corridor) के तहत लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन की योजना है. उत्तर प्रदेश जल्द ही अगली पीढ़ी की अत्याधुनिक ‘ब्रह्मोस मिसाइल’ का निर्माण शुरू कर सकता है.
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लखनऊ: ब्रह्मोस मिसाइल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का उत्पादन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) के सीईओ व एमडी सुधीर कुमार मिश्र ने इसी सिलसिले में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास 5 कालीदास मार्ग पर मुलाकात की.
UP जल्द ही अगली पीढ़ी की अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण शुरू कर सकता है
उन्होंने मुख्यमंत्री को ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की वर्तमान गतिविधियों की जानकारी दी और कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UP Defense Industrial Corridor) के तहत लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन की योजना है. उत्तर प्रदेश जल्द ही अगली पीढ़ी की अत्याधुनिक ‘ब्रह्मोस मिसाइल’ का निर्माण शुरू कर सकता है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने डिफेंस कॉरिडोर में प्रोजेक्ट के लिए 200 एकड़ जमीन की मांग की है
सुधीर कुमार मिश्रा ने मंगलवार को यूपीईडा (UPEIDA) के सीईओ और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर में अपनी परियोजना के लिए 200 एकड़ जमीन की मांग की है. रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ की पहल पर ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए लखनऊ को चुना गया है.
सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल उसे कहते हैं जो ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भर सकती है
ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है. क्रूज मिसाइल उसे कहते हैं जो कम ऊंचाई पर ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भरती है और इस तरह रडार को चकमा दे जाती है. ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन, हवा, पनडुब्बी और युद्धपोत से भी दागा जा सकता है. यही नहीं इस मिसाइल को ट्रेडिशनल लॉन्चर के अलावा वर्टिकल लॉन्चर से भी दागा जा सकता है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस डीआरडीओ और रूस के NPO मशीनोस्त्रोयेनिशिया का जॉइंट वेंचर है
ब्रह्मोस के मनूवरब्ल (Maneuverable यानी चकमा देने में माहिर) एडिशन का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया है, जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और बढ़ोतरी हुई है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस इस मिसाइल का उत्पादन करती है, जो भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का जॉइंट वेंचर है. भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम को मिलाकर इस मिसाइल का नाम ब्रह्मोस रखा गया है.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी 300 करोड़ रुपये के निवेश से अपना उत्पादन केंद्र स्थापित करेगी
यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आवंटित की जाने वाली जमीन पर ब्रह्मोस एयरोस्पेस कंपनी 300 करोड़ रुपये के निवेश से अपना उत्पादन केंद्र स्थापित करेगी. इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को डायरेक्ट और 5000 को इनडायरेक्ट एम्प्लॉयमेंट मिलेगा. वहीं इस उत्पादन केंद्र के माध्यम से 10000 लोगों को काम मिलेगा. लखनऊ प्रोडक्शन यूनिट से अगले तीन वर्षों में 100 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइल बनाने की योजना है.
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