Chaitra Navratri 2021: इस दिन से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
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Chaitra Navratri 2021: इस दिन से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

मां के भक्त चैत्र नवरात्रि में उनके नौ अलग-अलग रूपों की आराधना की पूजा करते हैं. जानिए इस बार किस वाहन पर होकर सवार आ रही हैं मां.

 

 

सांकेतिक तस्वीर

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पूर्व आरंभ होगा. इस साल नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होंगे और नवमी तिथि 21अप्रैल को होगी. ऐसे में इस बार नवरात्रि पूरे नौ दिनों के होंगे. पंचांग के अनुसार कोई तिथि क्षय नहीं होगी. आइये जानते हैं कलश स्थापना से लेकर, मां के सभी स्वरूपों की पूजा विधि, व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और अन्य जानकारियां.

होती है मां आदिशक्ति की उपासना
यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसमें मां आदिशक्ति की उपासना की जाती है. मां के भक्त चैत्र नवरात्रि में उनके नौ अलग-अलग रूपों की आराधना व्रत रखकर करते हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर नवमी तिथि तक चलता है. 

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इस बार अश्व पर सवार होकर आ रही हैं मां
इस बार मां अश्व पर सवार होकर आ रही हैं. नवरात्रि में मां के वाहन का विशेष महत्व है. मेदिनी ज्योतिष में मां के वाहन से सुख समृद्धि का पता चल जाता है. अश्व की सवारी का अर्थ है प्रकृतिक आपदाएं, सत्ता में उथल-पुथल जैसी विपदा आ सकती हैं. वहीं मां की विदाई नर वाहन पर होगी. नवरात्रि पर्व पर मां की आराधना के साथ व्रत-उपवास और पूजन का विशेष महत्व है.

कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त 
सामान्य मुहूर्त 
सुबह 05:43 बजे से 08:43 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त 
दोपहर 11:36 बजे से 12:24 बजे तक

अमृत मुहूर्त
दोपहर 11:50 बजे से 01:25 बजे तक  

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ऐसे करें कलश की स्थापना
घटस्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं. इसके बाद बर्तन के ऊपर कलश की स्थापना करें. कलश में जल भरें. इसमें गंगाजल भी मिलाएं. कलश पर कलावा बांधें. कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रख दें. फिर जटा नारियल को कलावा को बांध दें. लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रखें.

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चैत्र नवरात्रि की तिथियां और मां के स्वरूपों के नाम

  1. 13 अप्रैल, मंगलवार: चैत्र नवरात्रि प्रारंभ,घटस्थापना
  2. 14 अप्रैल, बुधवार: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  3. 15 अप्रैल, गुरुवार: चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा पूजा
  4. 16 अप्रैल, शुक्रवार: चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन- मां कुष्मांडा पूजा
  5. 17 अप्रैल, शनिवार: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन- मां स्कन्दमाता पूजा
  6. 18 अप्रैल, रविवार: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन- मां कात्यायनी पूजा
  7. 19 अप्रैल, सोमवार: चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन- मां कालरात्रि पूजा
  8. 20 अप्रैल, मंगलवार: चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन- मां महागौरी की पूजा, दुर्गा अष्टमी, महाष्टमी
  9. 21 अप्रैल, बुधवार: राम नवमी, भगवान राम का जन्म दिवस।
  10. 22 अप्रैल, गुरुवार: चैत्र नवरात्रि पारण

पूरे नवरात्र जो व्यक्ति मां के सभी स्वरूपों का विधिपूर्वक पूजा करता है. उसके जीवन के कष्ट समाप्त हो जाते है. घर में सुख-शांति और धन-वैभव आता है. 

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