Yogi Adityanath visit in Rajasthan: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को जोधपुर शहर पहुंचे. वो जोधपुर में सिद्ध चिड़ियानाथ महाराज के महोत्सव में शामिल हुए. ब्रह्मलीन योगी कैलाशनाथ महाराज का संख्या ढाल और दो दिवसीय भंडारा महोत्सव का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- कि विपरीत हालातों में अपनी परंपरा को कैसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए ये देखने के लिए दुनिया भर से लोग राजस्थान आते हैं. राजस्थान अपने आप में एक अलग पहचान स्थापित करता है.
उन्होंने ये भी कहा कि रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हर राह मंजिल तक पहुंचती है. बस हमें सही राह चुनने की जरूरत है, यह राह वही जो हमारे संतों और योगियों ने हमें दिखाई है. सनातन धर्म का एक विराट रूप है, वो सबको अपने अंदर समाहित करता है. सनातन धर्म के मूल्यों के प्रति हम सबका आग्रह होना चाहिए. धर्म एक ही है और वो सनातन धर्म है. बाकी, पंत और संप्रदाय हो सकते हैं. हर देश, हर काल और हर परिस्थित में बिना डिटे, बिना हटे और बिना झुके अपनी जीवंतता को बनाए रखा है, वह बना रहा है और इसलिए दुनिया के अंदर बहुत सारे लोग आए और चले गए. लेकिन, सनानत धर्म सम और विषम हालातों का सामना करते हुए लगातार आगे बढ़ा है.
जोधपुर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि हमारा एक ही धर्म है, एक ही राष्ट्र भारत है. भारत में फिर से राम राज्य होगा. 22 जनवरी के बाद अलग-अलग राज्यों से लोग अयोध्या नगरी ले जाए जाएंगे. साथ ही योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में भाजपा सरकार बनाने के लिए जनता को धन्यवाद भी दिया
सीएम योगी ने कहा कि उस काल खंड में कुछ बाधाएं और कुछ चुनौतियां आईं होंगी. अगर, हमनें इन बाधाओं का सामना नहीं किया होगा तो उन्होंने हमें कुछ चुनौतियां दी होंगी. लेकिन, जब हम एकजुट होकर निकल पड़े तो जीत होने में बहुत देर नहीं लगी. उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 22 जनवरी को 500 साल के इंतजार के बाद प्रभुराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. इससे हर भारतवासी प्रसन्न हैं.
सिद्ध चिड़ियानाथ जी
चौरासी नाथ सिद्धों में श्री आरम्भय नाथ जी महाराज ही (सिद्ध चिड़ियानाथ जी) है.राजस्थान के जोधपुर शहर से दक्षिण पूर्व दिशा में 45 किलोमीटर दूर मीठड़ी नदी किनारे एक धार्मिक ,ऐतिहासिक गांव (नगरी)पालासनी है. यहां सरोवर के तट पर चिडियानाथ जी का भव्य मठ स्थापित है.आज से लगभग 560 वर्ष पूर्व श्री चिड़िया नाथ जी ने यहां जीवित समाधी ली थी. जिसका निर्माण राव जोधाजी जोधपुर नरेश ने करवाया था. यहां श्री लक्कड़नाथ जी महाराज की जीवित समाधि है. यहां गुलाब नाथजी महाराज की जीवित समाधी जिसके चारों ओरण (भूमि) है. यहां प्रतिवर्ष होली के 4 दिन बाद मेला लगता है.