आप भी खाते हैं Dinner में दाल? आयुर्वेद इसे मानता है गलत, जानें क्यों...
आयुर्वेद एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी खाने का असर हमारे वात, कफ और पित्त पर पड़ता है. आपकी थाली में रखे अलग प्रकार के खाने की तासीर भी अलग होती है. जानें दाल कब खानी चाहिए...
नई दिल्ली: दाल और रोटी को सबसे सरल और सबसे पौष्टिक आहार माना जाता है. दाल में अच्छी मात्रा में प्रोटीन मौजूद होते हैं. इसलिए इसका सेवन करने जरूरी है. लेकिन हर चीज खाने का एक समय होता है. अगर आप गलत समय पर दाल का सेवन करते हैं तो फायदे की जगह दाल आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है. आइए जानते हैं इसको लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञों का क्या कहना है. क्या है दाल खाने का सही नियम?
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आयुर्वेद एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी खाने का असर हमारे वात, कफ और पित्त पर पड़ता है. आपकी थाली में रखे अलग प्रकार के खाने की तासीर भी अलग होती है. आयुर्वेद के विशेषज्ञों के अनुसार, रात के समय हमेशा हल्का खाना खाना चाहिए. रात को अगर आप भारी खाना खा लें, तो पेट पर इसका असर बुरा होता है. वैसे तो दाल खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन रात के समय यह आपकी परेशानी बढ़ा सकती है. रात के समय में दाल खाने से आपकी पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है. इसलिए, रात को कभी भी साबुत मसूर, उड़द, छोले, राजमा, अरहर, तुअर और मटर जैसी दालों से दूर रहना चाहिए.
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दाल खाने का सबसे अच्छा समय होता है दोपहर. फिर भी, अगर आप डिनर में दाल शामिल करना चाहते हैं, तो मूंग दाल का सेवन करें. यह आसानी से पच जाती है. या बाकी दाल खाना चाहते हैं तो सोने से कम से कम 3 घंटे पहले ही खाना खा लें. क्योंकि दाल में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए इसे डाइजेस्ट होने में समय लगता है.
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