ETAH News: जिंदा रहते अपनी तेरहवीं करने वाले शख्स की दो दिन बाद मौत, पिंडदान कर सैकड़ों लोगों को कराया था मृत्यु भोज
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ETAH News: जिंदा रहते अपनी तेरहवीं करने वाले शख्स की दो दिन बाद मौत, पिंडदान कर सैकड़ों लोगों को कराया था मृत्यु भोज

Eta News: एटा जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जो आसपास के क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. जिस बुजुर्ग ने जिंदा रहते अपनी तेरहवीं कर दी,  उसकी दो दिन बाद मौत हो गई. 

ETAH News: जिंदा रहते अपनी तेरहवीं करने वाले शख्स की दो दिन बाद मौत, पिंडदान कर सैकड़ों लोगों को कराया था मृत्यु भोज

गौरव तिवारी/एटा: यूपी के एटा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां दो दिन पहले अपना पिंड दान और तेरहवीं का भोज करने वाले बुजुर्ग की आज बुधवार संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.बुजुर्ग की मौत की जानकारी मिलते ही तत्काल पुलिस ने मौत को संदिग्ध मानते शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है.

कासगंज जिले के सकीट कस्बे के मोहल्ला मुंशी नगर के रहने वाले 55 वर्षीय हाकिम सिंह पुत्र बांकेलाल ने अभी 2 दिन पहले 15 जनवरी 2024 को  मकर संक्रांति वाले दिन अपने जीवित रहते अपना पिंडदान और मृत्यु भोज कराया था. मृत्यु भोज में गांव एवं आसपास के सैकड़ो लोग शामिल हुए थे. जीते जी मृत्यु भोज का कारण हाकिम सिंह ने बताया था कि उसका अपने पारिवारिक जनों से विश्वास उठ गया है.  उसके पारिवारिक जनों ने उसकी संपत्ति हड़प ली और उसे घर से निकाल दिया था.

जिसके बाद से वह साधु बन गया था. लेकिन अब मुझे यह भी उम्मीद नहीं है कि मेरे मरने के बाद कोई मेरा मृत्यु भोज भी करेगा अतः जिन लोगों का मैंने खाया है उनका अदा करके जाऊंगा. अपने जीवित रहते मृत्यु भोज कराए हुए हाकिम सिंह को 2 दिन भी नहीं बीते थे कि आज बुधवार उनकी संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई. 

ग्रामीणों का कहना था कि लगता है हाकिम सिंह को अपने मृत्यु का पूर्व आभास हो गया था. ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि हाकिम सिंह की पत्नी थोड़े दिन उनके साथ रहकर फिर उन्हें छोड़कर मायके चली गई थी. उनके कोई संतान में नहीं थी. जिसके चलते हाकिम सिंह बिल्कुल अकेले थे. इसी का फायदा उनके अन्य परिवारीजनों ने उठाया और उनकी  पांच बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया. 

अक्सर जमीन को लेकर हाकिम सिंह के भाई और भतीजे इनके साथ मारपीट किया करते थे. कुछ दिन पूर्व हाकिम सिंह का लड़ाई झगड़े में हाथ भी टूट गया था. जिसके चलते हाकिम सिंह को भरोसा नहीं था कि उनके मरने के बाद यह लोग उनका अच्छे से क्रिया कर्म कर मृत्यु भोज भी करेंगे. इसीलिए उन्होंने जीते जी अपना पिंडदान और मृत्यु भोज किया. 

फिलहाल पुलिस में पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए सब को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस के द्वारा आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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