प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस और एंग्जाइटी होगी दूर, बस फॉलो करें एक्सपर्ट के बताए गए ये Tips
हमने एक्सपर्ट डॉ. सोनाली गुप्ता से बात की. उन्होंने गर्भवती महिलाओं में तनाव कम करने के कुछ टिप्स बताए.
नई दिल्ली: देश-विदेश में कोरोना वायरस ने खूब कहर बरपाया. अपने ही घरों में लोग कैद रहने को मजबूर हो गए. कोरोना के चलते ना जाने कितने लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए. यूं तो कोरोना वायरस से हर इंसान को खतरा है. लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं को इस महामारी से ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी काफी खतरा है.
गर्भवती महिलाओं में प्रेग्नेंसी और डिलीवरी को लेकर चिंता होना स्वाभाविक है. लेकिन इस महामारी ने प्रेग्नेंट महिलाओं में इस चिंता और स्ट्रेस को और ज्यादा बढ़ा दिया है. एक तरफ जहां कोविड पॉजिटिव होने पर गर्भवती मां और होने वाले बच्चे दोनों को जान का खतरा हो सकता है. वहीं, दूसरी तरफ स्ट्रेस और डिप्रेशन का असर भी मां और बच्चे को प्रभावित कर सकता है.
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क्या हैं तनाव के कारण ?
किसी भी महिला के लिए बच्चे को जन्म देना बेहद खास एहसास होता है. किसी बच्चे को जन्म देना चैलेंजिग होता है. इन 9 महीनों में प्रेग्नेंट महिलाओं को स्ट्रेस से दूर रहने की जरूरत है. तनाव के कारण मां और आने वाले बच्चे दोनों के हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के अंदर कई तरह के चेंज आ जाते हैं, जिसका असर उनके व्यवहार और मूड पर पड़ता है.
प्रेग्नेंसी की वजह से शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं. इसके अलावा हॉर्मोनल बदलाव होना भी आम बात है. कई बार महिलाएं पर्सनल लाइफ या प्रोफेशनल लाइफ में काम और जिम्मेदारियों को लेकर भी स्ट्रेस लेने लगती हैं. इन परिस्थितियों में अक्सर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को ज्यादा स्ट्रेस हो जाता है.
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ऐसे में हमने एक्सपर्ट डॉ. सोनाली गुप्ता से बात की. उन्होंने गर्भवती महिलाओं में तनाव कम करने के कुछ टिप्स बताए. डॉ. सोनाली The Bliss IVF And Gynae Care की डायरेक्टर हैं. तो आइये जानते हैं उनके द्वारा बताए गए टिप्स-
1. पॉजिटिव रहें
डॉ. सोनाली ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का पॉजिटिव रहना जरूरी है. मां के अच्छे या खराब मूड का असर बच्चे पर भी होता है. इसलिए नेगेटिव बातों को खुद से दूर रखें. इसके लिए अपने आस-पास और घर के माहौल को खुशहाल बनाए रखें. इससे आपको अच्छा लगेगा. इसके अलावा किसी भी बात की टेंशन नहीं लेनी चाहिए और ना ही किसी बात को ज्यादा सोचना चाहिए.
2. हेल्दी डाइट
प्रेग्नेंसी में मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक परिवर्तन भी होते हैं. ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को खाने-पीने का विशेष ध्यान देना चाहिए. डॉ. सोनाली ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाई प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए. खाने में हरी सब्जियां, पनीर, फल ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. इससे मां के साथ-साथ बच्चे का दिमाग और उसके शरीर का विकास अच्छे से होगा.
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3. एक्सरसाइज करें
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को हमेशा योग या एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जाती है. हालांकि, आपको भारी व्यायाम नहीं करने हैं लेकिन आप हल्की-फुल्की कसरत कर सकती हैं. इससे मां और होने वाले बच्चे का शरीर मजबूत रहेगा. नियमित एक्सरसाइज और योग उनके लिए लाभकारी साबित होता है. ऐसा करने से प्रेगनेंसी में होने वाले डिप्रेशन और एंग्जायटी से दूर रह सकती हैं. ये एक्टिविटीज़ हैप्पी हॉर्मोन्स के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करती हैं.
4. हॉबी को दें टाइम
आपने अक्सर देखा होगा कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं आलसी हो जाती हैं और खाली बैठेने से मूड स्विंगस भी होते हैं. इन चीजों को खुद से दूर रखने के लिए आप कुछ क्रिएटिव कर सकती हैं. अगर आपको किसी चीज का शौक है तो इन 9 महीनों में अपनी हॉबी को टाइम दें और अपना शौक पूरा करें. ऐसा करने से आप दिल से खुश रहेंगी. इसके साथ ही मानसिक तौर पर मजबूत रहेंगी.
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5. किताबों से करें दोस्ती
डॉ. सोनाली ने बताया कि प्रेग्नेंसी में आपको किताबें पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए आप अपनी पसंद की कोई भी किताब चुन सकती हैं. किताबों को स्ट्रेस बस्टर कहा जाता है. अच्छी किताबें पढ़ने से आपके आस-पास की वाइब्स अच्छी रहती हैं. इसके अलावा मन भी स्थिर रहता है.
6. अपनों से बातचीत करें
कोरोना काल के चलते हम अपनों से मिलने-जुलने नहीं जा सकते. इस महामारी में प्रेग्नेंट महिलाओं का बाहर आना-जाना खतरनाक हो सकता है. लेकिन आज के इस डिजिटल एज ने मीलों दूर बैठे अपनों को भी करीब ला दिया है. ऐसे में इसका फायदा उठाना चाहिए. आप अपने दोस्तों या परिवार वालों से समय-समय पर फोन पर नॉर्मल या वीडियो कॉल के जरिए बात कर सकते हैं. अपने परिवार के साथ खुशियां मना सकते हैं. ऐसा करने से आप बोर नहीं होंगे और आपको अकेलापन भी नहीं फील होगा.
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हो सकते हैं नुकसान
डॉ. सोनाली ने बताया की गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने से कई परेशानियां हो सकती हैं. इससे बच्चे और मां दोनों को खतरा हो सकता है.
1. स्ट्रेस की वजह से मिसकैरिज का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा प्री मेच्योर बेबी हो सकता है.
2. कई बार महिलाओं का ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है.
3. मां के हर वक्त तनाव में रहने से बच्चे के ग्रोथ पर भी असर पड़ता है.
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