गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 88% जमीन का अधिग्रहण किया गया, जानिए कब होने जा रहा है शिलान्यास
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गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 88% जमीन का अधिग्रहण किया गया, जानिए कब होने जा रहा है शिलान्यास

मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने जा रहा गंगा एक्‍सप्रेस-वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है. करीब 36,000 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एक्‍सप्रेस-वे के शिलान्यास के बाद अगले 26 महीनों में बनकर तैयार होने की उम्मीद है.

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य को 2 महीने बाद एक और नए एक्सप्रेस-वे का तोहफा देने की तैयारी में है. देश के दूसरे सबसे लंबे (594 किलोमीटर) 'गंगा एक्सप्रेस-वे' का शिलान्यास आने वाले सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं. यूपी सरकार ने घोषणा की है कि इस एक्सप्रेस-वे के लिए जरूरी 1314 हेक्टेयर में से 88% भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. 

मेरठ समेत कुछ जिलों में फंसा है पेंच
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मेरठ समेत कई जिलों में विवादों में उलझी जमीनों की खरीद नहीं हो पा रही है. इसलिए यह प्रोजेक्ट थोड़ा लेट हो रहा है. लेकिन जल्द ही इन जिलों में भी जमीनों का अधिग्रहण पूरा कर लिया जाएगा. 

अवनीश अवस्थी ने हाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गंगा एक्सप्रेस-वे के प्रगति की समीक्षा की. मेरठ के जिलाधिकारी के. बालाजी व एडीएम प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल इस बैठक में शामिल रहे. दोनों अधिकारियों ने बताया कि मेरठ के 9 गांवों में किसानों से 181 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी थी जिसमें से 149 हेक्टेयर (82.08 फीसद) जमीन खरीद की जा चुकी है. बैनामों का सिलसिला प्रतिदिन जारी है.

दोनों अफसरों ने बताया कि लगभग 12 हेक्टेयर जमीन पर किसानों में आपस में विवाद है. जिसकी वजह से अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है. इस पर यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि जमीन खरीद का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए. विवाद वाली जमीनों की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि उनका मूल्य कोर्ट में जमा कराकर प्रोजेक्ट को समय से पूरा किया जा सके.

करीब 36,000 करोड़ की लागत आएगी
मेरठ से प्रयागराज के बीच बनने जा रहा गंगा एक्‍सप्रेस-वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है. करीब 36,000 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एक्‍सप्रेस-वे के शिलान्यास के बाद अगले 26 महीनों में बनकर तैयार होने की उम्मीद है. गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 519 गांवों जोड़ेगा. इस पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. 

योगी सरकार की पूरी कोशिश है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसका शिलान्यास कराकर जल्द से जल्द निर्माण काम शुरू कर दिया जाए. 10 पॉइंट्स में जानिए इस एक्सप्रेस-वे के बारे में सबकुछ... 

  • प्रस्तावित योजना के अनुसार गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होगा. एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा जिसे भविष्य में बढ़ाकर आठ लेन तक का किया जा सकेगा.
  • यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज सहित यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा. इससे 519 गांव जुड़ेंगे.
  • इन सभी जिलों में एक्सप्रेसवे की लंबाई क्रमश: मेरठ में 15 किमी,  हापुड़ में 33 किमी, बुलंदशहर में 11 किमी, अमरोहा में 26 किमी, संभल में 39 किमी, बदायूं में 92 किमी, शाहजहांपुर में 40 किमी, हरदोई में 99 किमी, उन्नाव में 105 किमी, रायबरेली में 77 किमी, प्रतापगढ़ में 41 किमी और प्रयागराज में 16 किलोमीटर होगी.
  • गंगा एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनेंगे. गंगा नदी पर 1 किलोमीटर लंबा और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा.
  • गंगा एक्सप्रेस-वे पर मेरठ और प्रयागराज में 2 मुख्य टोल प्लाजा होंगे. इसके अलावा रास्ते में 15 रैंप टोल प्लाजा भी होंगे. आवारा पशुओं की आवाजाही रोकने के लिए एक्सप्रेस-वे के किनारे  कंक्रीट की चारदीवारी का निर्माण किया जाएगा.
  • यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा करने के लिए 12 पैकेजों में विभाजित किया है. विभिन्न कार्यों की समय-सारणी बनाकर प्रगति की नियमित एवं गहन समीक्षा भी की जाएगी. 90 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो जाने पर प्रोजेक्ट का शिलान्यास कर दिया जाएगा.

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