पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश के इतिहास में माफिया के खिलाफ दो बार कार्रवाई हुई है. एक बार जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और दूसरी बार जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं.
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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ जबसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं माफिया और गुंडों की सामत आ गई है. योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में यूपी में माफिया और गुंडों की 1574 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं. कभी खौफ का दूसरा नाम रहे अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफिया डॉन अब जेल में बंद हैं और जमानत पर बाहर आने से घबरा रहे हैं. यूपी में माफिया की जो संपत्ति जब्त हुई है उसमें सर्वाधिक हिस्सा अतीक और मुख्तार के काले साम्राज्य का ही शामिल है.
माफिया और गुंडों के खिलाफ इस कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली क्वान यू से की जा रही है. उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी रहे प्रकाश सिंह ने एक ट्वीट कर लिखा कि यूपी में माफियाओं की 1574 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. योगी यूपी के ली क्वान यू बनकर उभर रहे हैं. इसके बाद से ही सिंगापुर के इस करिश्माई नेता का नाम एक बार फिर चर्चा में है और लोग उनके बारे में जानने के लिए इंटरनेट सर्च कर रहे हैं.
In UP, Mafia property worth Rs 1574 crore has been confiscated. Yogi is emerging as UP's Lee Kuan Yew.
— Prakash Singh (@singh_prakash) July 23, 2021
एक न्यूज बेवसाइट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के हवाले से लिखा है कि ली क्वान यू सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री थे. जब उन्होंने सत्ता की बागडोर संभाली तो उस समय सिंगापुर में अपराधियों और माफिया का बोलबाला था. प्रकाश सिंह के मुताबिक ली क्वान यू ने अपराधियों को यह स्पष्ट कह दिया कि या तो तुम सुधर जाओ या सिंगापुर छोड़कर चले जाओ. अगर नहीं सुधरे तो जहन्नुम में जाने के लिए तैयार रहो. अपराध पर उनके नियंत्रण के कारण ही आज के विकसित और समृद्धि सिंगापुर की नींव पड़ी.
यूपी में माफिया पर सिर्फ 2 बार कार्रवाई हुई
पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश के इतिहास में माफिया के खिलाफ दो बार कार्रवाई हुई है. एक बार जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और दूसरी बार जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं. बाकी अन्य मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में छोटे-मोटे अपराध तो बंद हुए पर माफिया को पराश्रय मिला. उनके खिलाफ किसी सरकार ने कार्रवाई नहीं की. बल्कि नामी माफिया और डॉन विभिन्न पार्टियों के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा और संसद पहुंचे. अतीक और मुख्तार इसके सबसे सटीक उदाहरण है.
सबके लिए पक्के घर की योजना लाए
ली क्वान यू 1959 से लेकर 1990 तक सिंगापुर के प्रधानमंत्री रहे. उन्होंने जब प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली तो सिंगापुर ब्रिटेन का उपनिवेश हुआ करता था. लेकिन 1965 में सिंगापुर की आजादी के बाद ली क्वान यू की पीपुल्स ऐक्शन पार्टी ने 51 में से 43 सीट जीतकर सिंगापुर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही गरीबी से जूझ रहे लोगों को पक्का मकान देने के लिए हाउसिंग एंड डेवलेपमेंट बोर्ड की स्थापना की.
भ्रष्टाचार पर थी जीरो टॉलरेंस की नीति
ली कुआन के सामने एक बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार के रूप में थी. भ्रष्टाचारियों की राजनीति में ऊंची पैठ थी. उन्होंने इससे निपटने के लिए एंटी करप्शन इंवेस्टिगेशन ब्यूरो की स्थापना की और इस एजेंसी को जांच की पूरी स्वतंत्रता दी. कई राजनेता, बिजनेसमैन और माफिया जांच के घेरे में आए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई. संपत्तियां जब्त हुईं, कोर्ट ट्रायल के बाद सजा हुई. ली क्वान यू ने 1990 में प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया और 23 मार्च 2015 को निमोनिया के कारण उनका देहांत हो गया.
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