Hizbul Mujahideen Terrorist कमरुज्जमा को पनाह देने वाले बेनकाब, दो लोगों पर NIA का शिकंजा
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Hizbul Mujahideen Terrorist कमरुज्जमा को पनाह देने वाले बेनकाब, दो लोगों पर NIA का शिकंजा

इससे पहले NIA ने 11 मार्च 2019 को कमरुज्जमा और फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था. 28 सितंबर 2019 को हिजबुल मुजाहिदीन का एक्टिव मेंबर ओसामा बिन जावेद कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था.

इनसेट में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी कमरुज्जमा.

लखनऊ: यूपी में आतंकवाद को अंजाम देने के लिए कानपुर में छुपकर बैठे हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकी (Terrorist) कमरुज्जमा के दो साथी भी बेनकाब हुए हैं. National Investigation Agency (NIA) को हिजबुल आतंकियों के ठिकाने का पता लग गया है. साथ ही आतंकवादी कमरुज्जमा की मदद करने वाले दो और लोगों के खिलाफ भी सबूत मिले हैं. NIA ने 52 वर्षीय अहमद शेख (जम्मू कश्मीर निवासी) और 42 वर्षीय अहमद बट के खिलाफ लखनऊ के NIA स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट फाइल की है.

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2019 में दाखिल हुआ था पहला आरोप पत्र
बता दें, इससे पहले NIA ने 11 मार्च 2019 को कमरुज्जमा और फरार आरोपी ओसामा बिन जावेद के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था. 28 सितंबर 2019 को हिजबुल मुजाहिदीन का एक्टिव मेंबर ओसामा बिन जावेद कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था. अब इस मामले में NIA कानपुर समेत कई जगहों पर जांच कर रही है.

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3 साल पहले बड़ी आतंकी साजिश हुई थी नाकाम
गौरतलब है कि लगभग 3 साल पहले कानपुर में एक बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रची गई थी, जो नाकाम रही. Uttar Pradesh Anti-Terrorist Squad (UP-ATS) ने साल 2018 के सितंबर में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमा को गिरफ्तार किया था. उस दौरान सूचना मिली थी कि कमरुज्जमा ने दो और लोगों के साथ मिलकर कानपुर के सिद्धि विनायक में बॉम्ब ब्लास्ट करने का प्लान किया था, वह भी गणेश चतुर्थी के पर्व पर, जिस दिन सबसे ज्यादा भीड़ होती है. हांलाकि, ATS ने इस आतंकी साजिश को पूरा नहीं होने दिया. उस समय जानकारी मिली थी कि कमरुज्जमा के निशाने पर लखनऊ और मेरठ भी थे. 

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गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत केस
गौरतलब है कि आतंकी कमरुज्जमा के पुलिस गिरफ्त में आने के 10 दिन बाद ही NIA ने जांच की जिम्मेदारी ले ली थी. 24 सितंबर 2018 को इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. जब गहनता से इन्वेस्टिगेशन हुआ, तो आतंकियों के मददगार के रूप में अहमद शेख और अहमद बट की पोल खुल गई. इसके बाद एनआइए ने दोनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (Prevention of Unlawful Activities Act) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है.

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आतंकियों को पनाह देने का आरोप
इन्वेस्टिगेशन में पाया गया कि हिजबुल आतंकी ओसामा बिन जावेद को अहमद शेख और अहमद बट ने प्रोटेक्शन दिया था. अहमद शेख ओसामा बिन जावेद, कमरुज्जमा जैसे कई हिजबुल आतंकियों के लिए सेफ ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करता था. वहीं, अहमद बट आतंकियों को रहने के लिए सेफ जगह दिलाता था. इतना ही नहीं, दोनों लोग आतंकवादियों को उनकी जरूरत के सामान भी देते थे. आतंकियों के रहने के लिए अहमद बट ने अपने ही घर में पनाह दी हुई थी.

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