Noise Pollution : ध्वनि प्रदूषण से भी लोगों को बड़ी परेशानियां हो सकती हैं. लोगों की 10.7 महीने की औसत आयु में कमी भी आ सकती है. ध्वनि प्रदूषण हमारे हार्ट को भी पहुंचा रहा है बुरी तरह से नुकसान.
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Noise Pollution and Health: प्रदूषण किसी भी तरह का हो इसके साइड इफेक्ट तो होता ही है. ध्वनि प्रदूषण शरीर के लिए कितना नुकसानदेह और घातक साबित हो सकता है इसका कम ही लोगों को अंदाजा होता है. इससे धीरे-धीरे इंसान की उम्र कम होने लगती है, इससे 10.7 महीने की औसत उम्र कम हो जाती है. वायु प्रदूषण के बाद अगर कोई प्रदूषण शरीर के लिए हानिकारक और बीमारियों को पैदा करने वाला है तो वो ध्वनि प्रदूषण ही है.
ध्वनि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की एक पूरी लिस्ट है जिसके बारे में लोगों को जानना बहुत जरूरी है. आइए इस बारे में और विस्तार से जानते हैं. प्रदूषण फैलाने वाली आवाजें जिनसे नींद में खलल पड़ती है जिनको क्रोनिक साउडंस कहते हैं. इससे सिर्फ परेशानी नहीं होती है बल्कि हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक जैसी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है.
तेज आवाज का प्रभाव
वहीं, गांव, शहरों के बाहर के एरिया में रहने वाले लोग तेज आवाज से परेशान होने लगते हैं. उनका शरीर अधिक रिएक्ट करता है. जैसे कि चली ट्रेन की आवाज. इस तरह की आवाज की तीव्रता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.
केमिकल का प्रभाव
तेज आवाज जब हम सुनते हैं तो हमारी बॉडी में कैमिकल्स रिलीज होता है जिसका अलग अलग तरह का प्रभाव होता है.
हमारे नर्वस सिस्टम पर ऐसे कैमिकल बहुत अधिक प्रभावी होते हैं. इससे हार्ट बीट के साथ बल्ड प्रेशर के बढ़ने का भी डर होता है.
ट्रैफिक के शोर की भले ही किसी व्यक्ति को आदत ही क्यों न पड़ जाए लेकिन अधिक समय तक इस आवाज को सुनने से 5 साल के भीतर भीतर हार्ट अटैक होने का डर बना रहता है.
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