Saharanpur News: सहारनपुर में राजपूत-गुर्जर आमने-सामने, प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा रोकी गई
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Saharanpur News: सहारनपुर में राजपूत-गुर्जर आमने-सामने, प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा रोकी गई

सहारनपुर में गुर्जर समाज और राजपूत समाज एक दूसरे के आमने- सामने आ गए हैं.  सम्राट मिहिर भोज को लेकर दोनों समाजों में टकराव की स्थिति बनी हुई है. गुर्जर समाज ने पहले ही एलान कर दिया था कि आज सम्राट मिहिर भोज यात्रा निकालेंगे. शहर की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस -प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. वही राजपूत समाज ने इस पूरी यात्रा का विरोध किया. प्रशासन का कहना है कि वह इस मामले को लेकर सतर्क है. 

 

Saharanpur News( File Photo)

Saharanpur News: सहारनपुर  पुलिस प्रशासन के द्वारा अनुमति ना दिए जाने के बाद भी गुर्जर समाज ने प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा निकाली. पुसिल ने जगह- जगह बैरिकेडिंग कर रखी है. लेकिन पुलिस इंतजामों को ताक पर रखते हुए गुर्जर समाज के हजारों लोग एकत्र हो गए. हजारों संख्या में आई इस भीड़ के आगे पुलिस प्रशासन बेबस नजर आया. इस यात्रा को लेकर पूरे जनपद में तनाव का महौल बना हुआ है.  गुर्जर समाज के सैकड़ों लोग सुबह नकड क्षेत्र के गांव फंदपुरी में एकत्र होने लगे. ये सभी लोगों ने वहां से पैदल गौरव यात्रा शुरू की. 

यह था पूरा मामला
दरअसल गुर्जर समाज के लोगों ने 29 मई को फंदपुरी के राजेश पायलट चौक से नकुड़ से होते हुए अंबेहटा जगन्नाथ चौक तक के लिए सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार गौरव यात्रा निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी. वहीं इसके बाद राजपूत समाज ने इस यात्रा का विरोध करना शुरू कर दिया. राजपूत समाज भी सम्राट मिहिरभोज को अपने समाज का महापुरुष मानता रहा है. इसलिए राजपूत समाज इस यात्रा का विरोध कर रहा है. इसके लिए दोनों समाजों के द्वारा पिछले एक हफ्ते से शहर में जगह-जगह ज्ञापन दिए जा रहे थे. 

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प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
इस यात्रा के लेकर इस तरह का महौल देखते हुए. दोनों समाजों के टकराव को देखते हुए रविवार को डीएम और एसएसपी समेत तमाम अधिकारियों ने पूरे जनपद में धारा 144 लगाने का निर्णय लिया. इस यात्रा की अनुमति को भी निरस्त कर दिया गया. शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया. जगह- जगह बैरिकेडिंग लगा दी गई. 

ऐसे हुई पूरी घटना
प्रतिबंध के बावजूद और जगह- जगह बैरिकेडिंग होने की वजह से गुर्जर समाज की भीड़ जंगल से होती हुई धीर-धीर नकुड़ की ओर बढ़ रही है. खास बात यह है कि पुलिस प्रशासन ना तो भीड़ को कार्यक्रम स्थल गांव फंदपुरी में इकट्ठा होने से रोक पाया और ना ही फंदपुरी से यात्रा रवाना होने से रोक पाया. भीड़ के सामने बेबस पुलिस प्रशासन महज औपचारिकता पूरी करता नजर आया है. 
रविवार को यात्रा को लेकर जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र और एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने दोनों समाज के लोगों से वार्ता कर स्पष्ट कर दिया कि किसी भी तरह की यात्रा नहीं निकलेगी. इसकी अनुमति भी दो दिन पहले निरस्त कर दी गई है. पूरे जिले में धारा 144 भी लागू हैं.  ऐसे में कोई नई परंपरा शुरू नहीं होगी.  किसी ने कानून का उल्लंघन किया तो कार्रवाई होगी. 

आमने-सामने दोनों समाज
अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के सदस्य आचार्य विरेंद्र विक्रम ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे। 851 ईसवीं मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जर देश कहा। इसी तरह अनेक इतिहासकारों उनके गुर्जर होने का प्रमाण दिया है. 

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