योगी सरकार के 4.5 साल में सशक्त हुई यूपी शिक्षा व्यवस्था, बने नए संस्थान, शोध पर जोर, शिक्षकों की भर्ती
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योगी सरकार के 4.5 साल में सशक्त हुई यूपी शिक्षा व्यवस्था, बने नए संस्थान, शोध पर जोर, शिक्षकों की भर्ती

विश्वविद्यालयों में शोध सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई नए प्रयोग किए गए हैं. इनमें 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान पीठ (Pandit Deendayal Upadhyay Research Chair) की स्थापना भी शामिल है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (File Photo)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान अनुसंधान सुविधाओं (Research Facilities) को बढ़ाने और हमारी सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) के तत्वों को युवा मन में बिठाने के दोहरे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शिक्षा प्रणाली में कुछ गुणात्मक परिवर्तन किए हैं. विश्वविद्यालयों में शोध सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई नए प्रयोग किए गए हैं. इनमें 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान पीठ (Pandit Deendayal Upadhyay Research Chair) की स्थापना भी शामिल है.

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इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और लोक कला के प्रचार-प्रसार के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Centre of Excellence) भी बनकर तैयार हो गया है. उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के के मुताबिक योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में शिक्षा के आधुनिक और समकालीन पहलुओं, आयामों, प्रक्रियाओं के अनुरूप अनुसंधान को आगे बढ़ाया. इससे छात्रों को अनुसंधान के वर्तमान रुझानों के साथ तालमेल बिठाने और भविष्य की योजनाओं की दिशा निर्धारित करने में मदद मिली है.

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साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस अनुसंधान पीठ (Bhaurao Deoras Research Chair), अटल सुशासन पीठ (Atal Good Governance Chair) और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय रोजगार पीठ (Mahatma Gandhi International Employment Chair) की स्थापना की गई है. इसी प्रकार दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में चौरी-चौरा अध्ययन केन्द्र (Chauri-Chaura Study Center) स्थापित किया गया है. इसके अलावा भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए जिलों में भाषा केंद्र स्थापित किए गए हैं. योगी सरकार ने नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एक स्टार्ट-अप नीति की भी घोषणा की है.

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योगी सरकार ने न केवल नए कॉलेज खोले हैं, बल्कि मौजूदा कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने को भी मंजूरी दी है. शैक्षणिक सत्र 2021-22 से विश्वविद्यालयों से संबद्धता प्राप्त करने की सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है. इस नई व्यवस्था से सरकारी कॉलेजों और सहायता प्राप्त कॉलेजों में नव नियुक्त व्याख्याताओं की पोस्टिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है. सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो गई है.

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योगी सरकार ने राज्य के शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की कमी को गंभीरता से लिया है और पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान बड़ी संख्या में भर्तियां हुई हैं. योगी सरकार के कार्यकाल में अब तक 1,25,987 प्राथमिक शिक्षकों, 14436 माध्यमिक शिक्षकों, उच्च शिक्षा विभाग में 4988 टीचर्स की नियुक्तियों के अलावा तकनीकी शिक्षा विभाग में 365 शिक्षकों की भर्ती हुई है.

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