UP पंचायत चुनाव: अगर आपने भी चुनाव में चुना है ऐसा एजेंट, तो पड़ जाएंगे लेने के देने
Advertisement

UP पंचायत चुनाव: अगर आपने भी चुनाव में चुना है ऐसा एजेंट, तो पड़ जाएंगे लेने के देने

आयोग के मुताबिक, पंचायत चुनाव में वोटिंग और मतगणना में प्रत्याशी केवल साफ छवि वाले व्यक्ति को ही अपना एजेंट बना सकते हैं.

फाइल फोटो.

लखनऊ: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कल यानी 15 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे. कल पहले चरण में 18 जिलों में मतदान होगा. चुनाव को लेकर प्रत्याशियों से लेकर शासन-प्रशासन तक सभी ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. चुनाव पंचायत का हो या विधानसाभा का, चुनावी मैदान में एजेंट की भूमिका बहुत अहम होती है. ऐसा हो भी क्यों न प्रत्याशी के चुनाव एजेंट ही तो चुनावी मैदान में सेनापति की भूमिका निभाते हैं. लेकिन आपको इन सेनापतियों को चुनने में जरा भी चूक हुई, तो लेने के देने पड़ सकते हैं. उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों को इससे संबंधित निर्देश भी जारी किए हैं. ताकि आप अपने एजेंट का चुनाव सही तरीके से कर सकें.  

आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को नहीं बना सकते एजेंट
आयोग के मुताबिक, पंचायत चुनाव में वोटिंग और मतगणना में उम्मीदवार केवल साफ छवि वाले व्यक्ति को ही अपना एजेंट बना सकते हैं. इसके अलावा कोई भी प्रत्याशी वर्तमान या पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख के साथ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को अपना एजेंट नहीं बना सकते हैं. 

ये भी पढ़ें- UP पंचायत चुनाव: आपके पास भी नहीं है Voter ID Card, तो न हों परेशान, ऐसे कर सकेंगे मतदान

एजेंट नहीं कर सकते ये काम 
जारी हुए निर्देशानुसार, सांसद, विधायक, मंत्री, जिला पंचायत चेयरमैन, ब्लॉक प्रमुख, भूतपूर्व सांसद, भूतपूर्व विधायक, राज्य सरकार एवं स्थानीय निकायों में किसी लाभ के पद पर मौजूद व्यक्ति को एजेंट नहीं बनाया जा सकेगा. इसके साथ ही कोई भी एजेंट मतदान केंद्रों पर अभद्रता नहीं करेगा, ना ही किसी मतदान कर्मचारी को उपहार, खाने का सामान, शराब या प्रलोभन देगा.  

क्या होती है एजेंट की अर्हता?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव में प्रत्याशी किसी को भी अपना एजेंट बना सकता है. वहीं, एंजेट बनने के लिए शख्स को एक फॉर्म भरना पड़ता है, जो उसे पोलिंग बूथ पर ही मिलता है. इस फॉर्म को भरते वक्त उसके पास फोटो और आईडी कार्ड होना चाहिए. ये है जरूरी-
1. एजेंट संबंधित बूथ क्षेत्र का रहने वाला हो. 
2. क्षेत्र का मतदाता हो और उसके पास पहचान पत्र भी होना चाहिए.  

ये भी देखें- लड़कियों के बीच हुई ऐसी 'झोंटा-झोटी', भूल जाएंगे WWE का मैच

क्या हैं एजेंट के अधिकार?
गौरतलब है कि मतदान और मतगणना के समय मतगणना एजेंट प्रत्याशी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहता है. यह एक पुरानी पारंपरिक और वैधानिक व्यवस्था है. तो आइये जानते हैं इनके अधिकार क्या-क्या हैं-
1. एजेंट सिर्फ मतदाता की पहचान करेंगे. 
2. वोटिंग शुरू होने से करीब एक घंटे पहले उन्हें बूथ पर मौजूद होना होगा. 
3. किसी भी वोटर के प्रति संदेह होने पर एजेंट आपत्ति कर सकते हैं. 
4. बैलेट पेपर सील करते समय एजेंट अपने सिग्नेचर करेंगे या कोई निशान भी लगा सकते हैं. 
5. इसके साथ ही बूथ के 100 मीटर के एरिया में वे चुनाव प्रचार नहीं कर सकते. 

ये भी देखें- जब मां के साथ सैर पर निकले नन्हे शेर, VIDEO देख बन जाएगा आपका दिन

 

WATCH LIVE TV

 

Trending news