यूपी पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा'- मुठभेड़ में 3302 अपराधियों को लगी गोली, 146 मरे और कई हुए अपंग
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यूपी पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा'- मुठभेड़ में 3302 अपराधियों को लगी गोली, 146 मरे और कई हुए अपंग

योगी सरकार के बीते साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान यूपी में पुलिस और अपराधियों के बीच 8472 मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें 3302 अपराधी गोली लगने के कारण घायल हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी हुई है. 

बंदूकों का निरीक्षण करते उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था  (एडीजी लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार. (File Photo)

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश एनकाउंटर्स (Encounters in Uttar Pradesh) को लेकर काफी चर्चा में रहा है. योगी सरकार के बीते साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान  यूपी में पुलिस और अपराधियों के बीच 8472 मुठभेड़ें हुई हैं (Encounters in Yogi Government), जिनमें 3302 अपराधी गोली लगने के कारण घायल हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी हुई है. यूपी पुलिस की गोली से कई अपराधी लंगड़े भी हो गए हैं. वहीं पुलिस के साथ एनकाउंटर में 146 अपराधियों की मौत हो चुकी है.

अपराधियों को जान से मारना मकसद नहीं
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था  (एडीजी लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने ये जानकारियां साझा की हैं. उनके मुताबिक मुठभेड़ में घायल अपराधियों की संख्या कहीं ज्यादा होना इस ओर इशारा करती है कि उन्हें जान से मारना पुलिस का मकसद नहीं होता. एडीजी एल/ओ प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस का पहला उद्देश्य अपराधी को गिरफ्तार करना होता है, न की उसे मारना.

अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
प्रशांत कुमार ने इस इंटरव्यू में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. यदि कोई अपराधी पुलिस पर फायरिंग करता है तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई होती है. कानून पुलिस को इसकी इजाजत देता है. इस तरह के एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों और अपराधियों दोनों के चोटिल होने और जान गंवाने का खतरा होता है. इस तरह की घटनाओं में कई पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और बहुतों को चोटें भी लगी हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस का ''ऑपरेशन लंगड़ा''
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपी पुलिस के कुछ सीनियर अधिकारियों ने निजी तौर पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस मिशन का नाम ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ (Operation Langda in Uttar Pradesh) रखा है. यह नाम आधिकारिक नहीं है. युपी पुलिस की कोशिश यही होती है कि मुठभेड़ों के दौरान अपराधी पर कमर के नीचे गोली चले, जिससे उसकी जान को खतरा कम हो. कमर के नीचे गोली लगने से अपराधी घायल तो होगा लेकिन जान नहीं जाएगी. मुठभेड़ के ज्यादातर मामलों में यूपी पुलिस अपराधियों को घायल अवस्था में पकड़ने में कामयाब रही है.

बीते साढ़े चार साल में 18225 गिरफ्तारियां
प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस के साथ मुठभेड़ों में कितने अपराधी गोली लगने के कारण लंगड़े हुए इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं रखा गया है. हालांकि उन्होंने ये जरूर बताया कि इन मुठभेड़ों में यूपी पुलिस के 13 जवान शहीद हो चुके हैं और 1157 घायल हुए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान 18225 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस और अपराधियों के बीच सबसे ज्यादा एनकाउंटर की घटनाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई हैं.

पश्चिमी यूपी में सबसे ज्यादा मुठभेड़ें हुई हैं
योगी सरकार के दौरान अब तक पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले में एनकाउंटर की 2839 घटनाएं हुई हैं, जिनमें 5288 गिरफ्तारियां हुई हैं, 61 अपराधियों की मौत हुई है और 1547 अपराधी घायल हुए हैं. इसी तरह आगरा में 1884 मुठभेड़ों में 4878 गिरफ्तारियों के साथ 18 अपराधियों की मौत हो चुकी है. वहीं 218 के घायल हुए हैं. मुठभेड़ के मामले में बरेली तीसरे नंबर पर है. यहां 1173 मुठभेडों में 2642 गिरफ्तारियां और 7 मौतें हो चुकी हैं. वहीं 299 अपराधी घायल हुए हैं.

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