Kalashtami Vrat 2023: आषाढ़ माह में इस दिन है कालाष्टमी, काशी के कोतवाल की विधि पूजा करने से होते हैं कई लाभ
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Kalashtami Vrat 2023: आषाढ़ माह में इस दिन है कालाष्टमी, काशी के कोतवाल की विधि पूजा करने से होते हैं कई लाभ

Kalashtami Vrat Vidhi : कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हर माह कालाष्टमी की पूजा की जाती है और इस बार यह तिथि 10 जून 2023, शनिवार को पड़ रहा है. आषाढ़ मास में कालाष्टमी व्रत के दिन बाबा काल भैरव की विधिवत पूजा अर्चना किए जाने के बारे में बताया जाता है जो काशी के कोतवाल के रूप में भी जाने जाते हैं.

Kalashtami June 2023 (फाइल फोटो)

Kalashtami 2023 Date: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है. 10 जून 2023, शनिवार को आषाढ़ मास में कालाष्टमी पड़ रही है. कालाष्टमी व्रत के दिन बाबा काल भैरव की विधिवत पूजा अर्चना किए जाने के बारे में बताया गया है. बाबा काल भैरव को काशी के कोतवाल के रूप में भी जाना जाता है. शिवालयों और मठों में इस दिन बड़े ही धूमधाम से पूजा आयोजित की जाती है और भगवान शिव के रूप में इस दिन काल भैरव का आह्वान कर उनकी पूजा की जाती है. बाबा काल भैरव की पूजा पूरे मन से करने से भक्त के दोष, पाप और कष्टों का नाश होता है. इसके अलावा घर में किसी भी तरह की नकारात्मक शक्तियों और भूत-प्रेत का भय भी दूर होता है. पूजा करने वाले व्यक्ति के आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी होती है. बाबा काल भैरव की किन विधियों के द्वारा पूजा की जा सकती है आइए जानते हैं. 

कालाष्टमी 2023 तिथि Kalashtami June 2023:
10 जून, दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 01 मिनट पर आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो रही है और 11 जून की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर यह तिथि खत्म हो रहा है. कालाष्टमी व्रत के दिन रात के समय बाबा काल भैरव की पूजा की जाने की मान्यता है ऐसे में इस माह की कालाष्टमी जोकि 10 जून 2023, शनिवार को पड़ रही हैं रात के समय पूजा करने के अनेक लाभ होंगे. Kalashtami 2023: Dates, Timings, Rituals

कालाष्टमी पूजा विधि  Worship Method Of Lord Bhairav
कालाष्टमी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर लें.
बाबा काल भैरव के मंदिर जाएं या घर में उनके चित्र को विधिवत स्थापित करें।
साथ में भगवान भोलबाबा, मां पार्वती, गणेशजी के चित्र भी लगाएं.

विधि-विधान से करें पूजा
पूजा के समय घर के मंदिर में दीप जलाएं और आरती कर भगवान को भोग चढ़ाएं. 
बाबा काल भैरव का ध्यान करें और गंगाजल को हाथ में लेकर व्रत संकल्प करें. 
दूध, दही धूप, दीप और भोग काल भैरव को अर्पित करें. 
पूजा में उड़द दाल अर्पित करें और सरसों का तेल भी अर्पित करें. 

कालाष्टमी व्रत करने का महत्व
बाबा काल भैरव भगवान शिव के रौद्र माने गए हैं. भैरव यानी भय को हरा देने वाला और जगत की रक्षा कर्ता. कालाष्टमी के दिन व्रत और पूजा करने से हर एक भय से बाबा काल भैरव भक्त को मुक्त करते हैं. साथ ही शत्रुओं से भी पीछा छूट पाता है.

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