उन्नाव: 7 नम्बरों के कोर्ट में लड़ी जंग, जीतने के बाद हासिल हुआ प्रदेश में 7वां स्थान
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उन्नाव: 7 नम्बरों के कोर्ट में लड़ी जंग, जीतने के बाद हासिल हुआ प्रदेश में 7वां स्थान

लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाते हुए छात्रा को रकम देने का आदेश दिया है. 

 छात्रा के संस्कृत विषय में 7 अंक बढ़े, जिसके बाद छात्रा का टोटल 561 पर पहुंच गया.

उन्नाव, दयाशंकर: उन्नाव में एक बेटी ने अपने हक की लड़ाई के लिए आरटीआई से लेकर कोर्ट तक का सहारा लिया. कोर्ट की शरण लेने के बाद मेधावी को उसकी मेहनत का परिणाम मिला. उसके पूर्णांक में 7 अंक जुड़ने से उसे प्रदेश में संयुक्त रूप से 7वां स्थान हासिल हुआ. वहीं, लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर 20-20 हजार का जुर्माना लगाते हुए छात्रा को रकम देने का आदेश दिया है. 

जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के बिहार इलाके के त्रिवेणी काशी इंटर कॉलेज की छात्रा रिद्धिमा शुक्ला ने साल 2018 में हाई स्कूल की परीक्षा दी थी. पेपर देने के बाद छात्रा को उम्मीद थी कि उसका नाम मेरिट लिस्ट में जरूर आएगा, लेकिन जब रिज़ल्ट आया तो छात्रा को 600 में 554 अंक ही मिले. छात्रा को उसके दिए पेपर के अनुसार संस्कृत और सामाजिक विषय में कम अंक मिले थे. छात्रा ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की. 

कॉपी के पुनर्मूल्यांकन के लिए छात्रा ने कई बार यूपी बोर्ड के चक्कर लगाए, लेकिन बात नहीं बनी. छात्रा ने आरटीआई का सहारा लेकर अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को देखा. उत्तर पुस्तिका देख छात्रा हैरान रह गई. बताया जा रहा है कि शिक्षकों ने संस्कृत की कॉपी को आधा ही जांचा था. वहीं, जब काफी इंतजार के बाद छात्रा के रिजल्ट में सुधार नहीं हुआ तो छात्रा के पिता आशीष कुमार ने हाईकोर्ट की शरण ली और उत्तर पुस्तिकाओं के दोबारा मूल्यांकन करने की मांग की. 

पुनर्मूल्यांकन में छात्रा के संस्कृत विषय में 7 अंक बढ़े, जिसके बाद छात्रा का टोटल 561 पर पहुंच गया. छात्र प्रदेश में संयुक्त रूप से 7वें स्थान पर आ गई. वहीं कोर्ट ने कॉपी जांचने वाले शिक्षकों पर जुर्माना भी लगाया है.

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