पूर्वांचल में पहली बार AK-47 से हत्या कर डॉन बन गया था मुन्ना बजरंगी..
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पूर्वांचल में पहली बार AK-47 से हत्या कर डॉन बन गया था मुन्ना बजरंगी..

अपनी जिंदगी में मुन्ना बजरंगी ने करीब 40 हत्या की वारदातों को अंजाम दिया.

जेल के उस हिस्से में सीसीटीवी नहीं, जहां हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या.

बागपत: बागपत जिला जेल के भीतर ही मुन्ना बजरंगी की गोली मार कर हत्या कर दी गई. पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में उसे आज कोर्ट में पेश किया जाना था. पेशी की वजह से उसे रविवार शाम को झांसी जेल से यहां लाया गया था. जानकारी के मुताबित उसे जेल के भीतर 10 गोलियां मारी गई. बागपत के जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वॉर्डन और दो सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इस हत्याकांड में उदय प्रताप सिंह (जेलर), शिवाजी यादव (डिप्टी जेलर), अरजिंदर सिंह (हेड वार्डन), माधव कुमार (वार्डन) की भूमिका पर शक जताया जा रहा है. जिला जेल में चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन जहां उसकी हत्या की गई है वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.

मुन्ना बजरंगी के डॉन बनने की प्रमुख घटनाएं

  • 1984 में लूट के दौरान मुन्ना ने पहली बार एक व्यापारी की हत्या कर दी थी. उसके बाद सभी उससे डरने लगे थे. 90 के दशक में मुन्ना बजरंगी के नाम से हर कोई कांपना शुरू कर दिया था. वह एक कॉन्ट्रैक्ट किलर बन चुका था.
  • उसने बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह की हत्या कर अपराध जगत में अपना नाम स्थापित किया. उसके बाद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी ने उसे अपना खास साथी बना लिया. 1993 में उसने जौनपुर में बीजेपी नेता राम चंद्र सिंह, उनके गनर समेत तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. 
  • 90 के दशक में जौनपुर में युवा नेता कैलाश दुबे तेजी से ऊभर रहे थे. वे कम उम्र में ही ब्लॉक प्रमुख चुन लिए गए. स्थानीय नेता गजराज को कैलाश दुबे से परेशानी होने लगी थी. ऐसे में गजराज ने मुन्ना की मदद से कैलाश दुबे की हत्या करवा दी. 1996 में AK-47 की मदद से मुन्ना बजरंगी ने कैलाश दुबे की हत्या कर दी.
  • बीजेपी के विधायक कृष्णानंद राय मुख्तार अंसारी की राह में कांटा बनने लगे थे. मुख्तार अंसारी ने उन्हें राह से हटाने का फैसला किया. कृष्णानंद राय को माफिया डॉन ब्रजेश सिंह का संरक्षण प्राप्त था. ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी एक दूसरे के खून के प्यासे थे. मुख्तार अंसारी के कहने पर मुन्ना बजरंगी ने 29 नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी. लखनऊ हाइवे पर वे अपने 6 लोगों के साथ जा रहे थे उसी दौरान मुन्ना बजरंगी ने अपने लोगों के साथ उनपर हमला कर दिया. पहली बार उस समय पूर्वांचल में AK-56 का इस्तेमाल किया गया था. विधायक और उनके लोगों पर करीब 400 राउंड फायरिंग की गई थी. पोस्टमार्टम के दौरान सभी के शरीर से 60-80 गोलियां निकाली गई थी. उस घटना के बाद मुन्ना बजरंगी का खौफ और ज्यादा बढ़ गया था.
  • जिस जगह पर मुन्ना बजरंगी को मारा गया था उस जगह पर सीसीटीवी नहीं लगा था. हत्याकांड में जिस गन का इस्तेमाल किया गया था, उसे नाले में फेक दिया गया.

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