जिन टीचर्स के आवेदन गलत होंगे, उन्हें ड्यूटी करनी होगी. साथ ही साथ उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में इस वक्त बोर्ड परीक्षाओं (UP Board Exam) को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में परीक्षा में अध्यापकों की ड्यूटी को लेकर भी बोर्ड विचार कर रहा है. खबर सामने आ रही है कि जो टीचर और प्रिसिंपल परीक्षा में ड्यूटी ना करने के लिए हेल्थ को कारण बताते हैं, उनकी अब जांच की जाएगी.
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CMO करेंगे जांच, हो सकती है कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने जिला विद्यालय निरीक्षकों, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों और बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ड्यूटी के संबंध में पत्र भेजा है. इसमें लिखा गया है कि पिछले वर्ष देखा गया कि टीचर्स, व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक का काम नहीं करना चाहते हैं. वह अस्वस्थता प्रमाण पत्र देकर मेडिकल लीव ले लेते हैं. ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
इस समस्या को लेकर यूपी बोर्ड के सचिव ने निर्णय लिया है कि अब जो टीचर्स ड्यूटी करने के लिए मेडिकल लीव के लिए अप्लाई करेंगे, उनकी जांच की जाएगी. जांच जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) करेंगे. सीएमओ की ओर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. बिना इस पत्र के छुट्टी नहीं मिलेगी. साथ में जिनके आवेदन गलत होंगे, उन्हें ड्यूटी करनी होगी. साथ ही साथ उन पर कार्रवाई भी की जा सकती है.
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कब शुरू हो रही है परीक्षा
बता दें कि यूपी बोर्ड के कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू होने वाली हैं. इस बार परीक्षा सिर्फ 15 दिन में ही खत्म हो जाएगी. 10वीं की परीक्षाएं 10 मई और 12वीं की परीक्षाएं 12 मई को खत्म होंगी.
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