CM योगी ने किया किसान पाठशाला का शुभारंभ, बोले- 'जीवन पलायन नहीं जूझने का नाम है'
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CM योगी ने किया किसान पाठशाला का शुभारंभ, बोले- 'जीवन पलायन नहीं जूझने का नाम है'

कृषि कुंभ को लेकर कॉफी टेबल बुक का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विमोचन किया. इस दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि विभिन्न केंद्रों में उपस्थित सभी प्रगतिशील किसान भाई बहनों अन्नदाता किसानों का हृदय से स्वागत है.

लखनऊ में आयोजित हुआ कार्यक्रम. फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को लखनऊ में किसानों के लिए किसान पाठशाला का शुभारंभ किया. द मिलियन फार्मर्स नामक कार्यक्रम लोकभवन में आयोजित हुआ. कृषि कुंभ को लेकर कॉफी टेबल बुक का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विमोचन किया. इस दौरान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि सभी 75 जनपदों के 15 हजार से ज्यादा केंद्रों में कम लागत-अधिक उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस पाठशाला का आज शुभारंभ कर रहे हैं. 10 लाख से अधिक किसान हर पाठशाला में प्रशिक्षित हुए हैं. उन्‍होंने किसानों का प्रोत्‍साहन करते हुए कहा कि जीवन पलायन नहीं जूझने का नाम है.

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न केंद्रों में उपस्थित सभी प्रगतिशील किसान भाई बहनों अन्नदाता किसानों का हृदय से स्वागत है. देश की आबादी के हिसाब से सबसे बड़े राज्य के प्रगतिशील किसानों की जागरूकता के लिए आज चौथे संस्करण का शुभारंभ कर रहे हैं.

उन्‍होंने कहा कि इस देश का किसान अपनी मेहनत से खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता की ओर लेकर गया है. 5 दशक पहले देश को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. खाद्यान्न भी ऐसा आता था जो उन देशों के पशुओं के लिए उपयोग में लाया जाता था. यूपी के सभी 2 करोड़ 33 लाख किसानों का हृदय से अभिनन्दन करता हूं.

मुख्‍यमंत्री ने इस दौरान कहा कि पिछले 2 वर्षों की सरकार का परिणाम है कि यूपी ने रिकॉर्ड खाद्यान्न का प्राप्त किया है. ये वही प्रदेश है, जहां किसान आत्महत्या करता था. उस समय राजनीतिक उपेक्षा थी. किसानों के प्रति, शासन की अकर्मण्यता के कारण किसान लगातार घाटे में चल रहा था.

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कि योजनाओँ को भी यहां लागू नहीं किया गया. इसका खमियाजा हमारे किसानों को भुगतना पड़ा. 2017 में जब किसानों ने हमारे हाथों में बागडोर सौंपी तो किसान हमारे एजेंडे में था. 2 करोड़ 33 लाख किसानों के डाटा बैंक को तैयार करने और केंद्र की योजनाओं को लागू करने का कार्यक्रम तैयार किया है.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि जो किसान कृषि से पलायन करने को मजबूर था वो आज रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है. मशीनरी वही थी, आज भी वही है. लेकिन राजनीतिक नेतृत्व बदला है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 1 करोड़ 3 लाख किसानों को 2-2 हजार की किस्‍त मिली है बाकियों का भी डेटा तैयार कर रहे हैं.

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किसानों को प्रात्‍साहित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि किसानों से जुड़ी बातों की मॉनिटरिंग प्रतिदिन मैं खुद ही करता हूं. आज प्रदेश में 6 हजार से अधिक जगहों पर गेंहू क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं. 72 घंटों में ही ऑनलाइन माध्‍यम से 1860 रुपए भेज रहे हैं. भारत सरकार पिछले 4 से 5 सालों से प्रदेश को 20 कृषि विज्ञान केंद्र देना चाहती थी. पिछली सरकार लेना ही नहीं चाहती थी. उन्हें लगता था इसकी कोई जरूरत नहीं है. 

सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने 20 कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रस्ताव भेजे जो कि स्वीकृत भी हुए. केंद्र की ओर से ज्यादातर अब सक्रिय भी हो गए हैं. हम लोग जब आए थे तब 2011 से 2017 तक गन्ना किसानों का बकाया था. पिछली 2 सरकारों को देखेंगे तो 50 हजार करोड़ बमुश्किल बकाया दिया गया. हम लोगों ने 68 हजार करोड़ से ज्यादा 2 सालों में ही बकाया उपलब्ध करवाया. 

उन्‍होंने कहा कि अब जो चीनी मिल लगा रहे हैं, उसमें एथनॉल बनाने की व्यवस्था भी करेंगे. आने वाले समय में अन्य चीनी मिलों को भी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. जब राजनीतिक नेतत्‍व ठान ले कि ये काम होना है, लोगों को सपना लगता था 37 लाख मीट्रिक टन पहले साल, दूसरे साल 53 लाख. इस वर्ष अभी तक 36 लाख मीट्रिक टन गेंहू का क्रय कर चुके हैं.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि आज यूपी गन्ना उत्पादन में फिर से नम्बर 1 हो गया है. मोदी सरकार में 5 सालों तक महंगाई मुद्दा नहीं रही. आदर्श व्यवस्था ही रामराज्य की व्यवस्था है बिना भेदभाव के खुशहाली लोगों तक पहुंचा देना. हमारे पास देश की कुल भूमि की 11 प्रतिशत भूमि 17 प्रतिशत आबादी देश के खाद्यान का 20 प्रतिषत उत्पादन कर रही है.

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