अब यूपी में बिना टेस्ट लिए ले सकेंगे शस्त्र लाइसेंस, योगी सरकार ने हटाई रोक
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अब यूपी में बिना टेस्ट लिए ले सकेंगे शस्त्र लाइसेंस, योगी सरकार ने हटाई रोक

अब एक बार में 100 कारतूस रख सकेंगे. लेकिन, अब हर्ष फायरिंग की तो शस्त्र लाइसेंस निरस्त हो जाएगा. 

आयुध नियमावली 2016 के अनुसार नए लाइसेंस जारी करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दे दिए गए हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/लखनऊ: हथियार के शौकीनों के लिए खुशखबरी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने शस्त्र लाइसेंस पर लगी रोक को समाप्त कर दिया है. साथ ही शस्त्र चलाने का टेस्ट सिस्टम खत्म कर दिया है. प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने सभी डीएम को निर्देश जारी कर दिए हैं. हालांकि, इसके लिए गाइड लाइन भी जारी की गई है. अब शस्त्र नियमावली 2016 के तहत ही लाइसेंस मिलेंगे. 

इसके अलावा शस्त्र लाइसेंस देने के लिए प्राथमिकता भी तय की गई है और कारतूसों की संख्या भी बढ़ा दी गई है. एक बार में 100 कारतूस रख सकेंगे. लेकिन, अब हर्ष फायरिंग की तो शस्त्र लाइसेंस निरस्त हो जाएगा. आपको बता दें कि शस्त्र नियमावली 2016 के तहत एक लाइसेंस पर तीन हथियार रखे जा सकते हैं. पहले अधिकतम तीन हथियार लेने के लिए तीन लाइसेंस बनवाने पड़ते थे. 

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आपको बता दें कि दिसंबर 2014 में जितेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपराध पीड़ित, विरासत और खिलाड़ियों को छोड़कर बाकी लोगों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने पर रोक लगा दी थी, लेकिन नवंबर 2017 में कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश वापस ले लिया. इसके बाद से ही सरकार शस्त्र लाइसेंस से रोक हटाने की कवायद में जुटी थी. लंबी प्रक्रिया और विधि विशेषज्ञों की राय के बाद सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया.

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि पूर्व में लगी रोक को हटाते हुए आयुध नियमावली 2016 के अनुसार नए लाइसेंस जारी करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दे दिए गए हैं. द्वितीय शस्त्र और तृतीय शस्त्र व रायफल के लिए नए लाइसेंस की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है. 

उन्होंने बताया कि कुछ श्रेणी के आवेदकों जैसे अपराध पीड़ित, विरासतन, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, प्रवर्तन कार्य में लगे कर्मियों, सैनिक, अर्धसैनिक, पुलिस बल के कर्मी, विधायक, सांसद, राज्य स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों को वरीयता दी जाएगी. बैंको की सुरक्षा के लिए जारी किया जाने वाला लाइसेंस बैंक प्रबंधक के स्थान पर असलहा रखने वाले व्यक्ति के नाम जारी किया जाएगा.

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आदेश की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव गृह ने बताया कि  नए आदेश के तहत लाइसेंसी असलहे से हर्ष फायरिंग करने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा. आयुध और गोला बारूद खरीदने के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड व पासपोर्ट में से किसी एक की फोटो कॉपी देनी पड़ेगी.  उन्होंने बताया कि एसडीएम और सीओ नियमित अंतराल पर इसका औचक निरीक्षण करेंगे. साथ ही क्रय-विक्रय और सेफ कस्टडी में रखे शस्त्रों के दुरुपयोग को रोकने का काम भी देखेंगे.

साथ ही अगर लाइसेंस धारक ने लाइसेंस जारी होने के दो साल के अंदर असलहा नहीं खरीदता है, तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया इस केस में अगर धारक असलहा नहीं खरीदने की उचित वजह बताता है, तो इस समय सीमा को एक और साल बढ़ा सकता है.

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