GSVM History: देश की आजादी के बाद शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित करने वाले कई संस्थान उत्तर प्रदेश में स्थापित किए गए थे. आज राज्य के हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है.
Trending Photos
Kanpur News: कानपुर शहर शिक्षा और चिकित्सा के शीर्ष संस्थानों के लिए भी जाना जाता है. इन्हीं में से एक गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज भी है, जिसे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज भी कहते हैं. यह यूपी का पहला मेडिकल कॉलेज था. असल में यह भारत के पांच मेडिकल कॉलेजों में से एक था, जो पंचवर्षीय योजना के तहत देश में स्थापित किया गया था. आज यह प्रदेश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में से एक है.
पंडित जवाहर लाल नेहरू के समय स्थापित यह मेडिकल कॉलेज प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा संस्थानों की स्थापना में मील का पत्थर साबित हुआ. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर 1955 में स्थापित किया गया था. इसका उद्घाटन 13 दिसंबर 1959 को यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने किया था. तब यह मेडिकल कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया था. 1968 से लगातार यह मेडिकल कॉलेज ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों के जरिये डॉक्टरों की नई फौज तैयार कर रहा है. यह कॉलेज मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से मान्यता प्राप्त है.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी के नाम पर रखा गया था. मार्च 1931 में कानपुर में दंगे के दौरान उन्होंने अपना जीवन खो दिया था.
देश के पहले राष्ट्रपति ने रखी नींव
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की मंजूरी नवंबर 1955 में हुई. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 24 अप्रैल 1956 को इसकी आधारशिला रखी. लेकिन इसे बनने में चार साल लग गए. दिवंगत डॉ. एसएन माथुर मेडिकल कॉलेज के पहले प्राचार्य थे. कानपुर में भवन का निर्माण होने तक छात्रों की पढ़ाई और ट्रेनिंग किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में की गई थी.