Women's Day Special: भारत की राजनीति में महिलाओं की भूमिका व भागीदारी में इजाफा होता जा रहा है. आजादी के बाद से ही भारत को महिला मुख्यमंत्री, महिला प्रधानमंत्री, महिला वित्तमंत्री, महिला राष्ट्रपति, महिला राज्यपाल भी मिल चुकी है.
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Lok Sabha Election 2024: भारत की राजनीति में महिलाओं की भूमिका और भागीदारी में इजाफा होता जा रहा है. आजादी के बाद से ही भारत को महिला मुख्यमंत्री, महिला प्रधानमंत्री, महिला वित्तमंत्री, महिला राष्ट्रपति, महिला राज्यपाल भी मिल चुकी है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भारत में पहली महिला मुख्यमंत्री कौन थी और किस राज्य की बागडोर उनके हाथों में था. आजाद भारत में अग्रणी महिला राजनेताओं में इंदिरा गांधी, सरोजिनी नायडू, उन्हीं में एक नाम सुचेता कृपलानी का भी आता है. जिनकी पहचान भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर भी की जाती है. वो यूपी की भी पहली मुख्यमंत्री थीं.
कौन हैं सुचेता कृपलानी
सबसे पहले जानते हैं कि सुचेता कृपलानी कौन हैं. आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में पहचानी जाती हैं. कृपलानी का जन्म 1908 में 25 जून को हरियाणा के अंबाला में हुए. एक बंगाली परिवार से संबंध रखने वाली सुचेता कृपलानी के पिता एस.एन. मजुमदार थे ब्रिटिश सरकार के अधीन एक डॉक्टर थे. लेकिन इस पर भी वो एक सच्चे राष्ट्रवादी थे.
सुचेता कृपलानी की पढ़ाई लिखाई
दिल्ली विश्वविद्यालय के इन्द्रप्रस्थ व सेंट स्टीफन कॉलेज से सुचेता कृपलानी ने अपनी पढ़ाई की और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उन्होंने व्याख्याता पद पर काम किया. सुचेता का विवाह आचार्य जीवतराम भगवानदास कृपलानी के साथ साल 1936 में करा दी गई. इसके बाद सुचेता स्वतंत्रता की लड़ाई की पूरी तरह से अग्रसर हो गई.
आजादी की लड़ाई में अग्रसर सुचेता
भारत छोड़ो आंदोलन के समय प्रथम मोर्चे पर सुचेता खड़ी रहीं और आजादी के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहीं. भारत का जब बंटवारा हुआ तो उस दौरान के दंगों में भी सुचेता कृपलानी महात्मा गांधी के साथ मिलकर काम किया.
महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया
देश का संविधान जब बनने वाला था तब संविधान सभा बनाई गई. जिसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व के लिए सुचेता कृपलानी को इस सभा में शामिल किया गया. भारत के संविधान में उन्होंने महिला अधिकारों के लिए बहुत आवाज उठाई.
सुचेता कृपलानी का राजनीतिक जीवन कैसा था
देश जब आजाद हो गया तो सुचेता कृपलानी पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गईं. राजनीति में आते ही सुचेता कृपलानी साल 1952 में लोकसभा की सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुईं. साल 1957 में उन्हें नई दिल्ली विधानसभा का सदस्य बनाकर लघु उद्योग मंत्राल दे दिया गया और फिर साल 1962 में कानपुर से उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य के तौर पर चुन ली गईं. वहीं एक साल बाद यानी साल 1963 में कृपलानी उत्तर-प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी. ऐसा पहली बार था जब आजाद भारत में कोई महिला को मुख्यमंत्री बनाया गया. फिर साल 1967 में गोंडा विधानसभा क्षेत्र से सुचेता ने चौदहवीं लोकसभा का चुनाव जीत लिया जिसके बाद आगे साल 1971 में उन्होंने राजनीति से रिटायर्मेंट ले ली.
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