UP Politics: सदन में अनुराग ठाकुर और राहुल गांधी के बीच में जाति जनगणना को लेकर खूब बहस हुई. इस बहस में सपा अध्यक्ष भी शामिल हुए. मायावती ने दोनों की तकरार पर रिएक्शन दिया है.
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UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने रायबरेली से सांसद राहुल गाधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव और अनुराग ठाकुर की बहस पर टिप्पणी की है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर बुधवार सुबह जाति जनगणना को लेकर एक पोस्ट शेयर किया. मायावती ने इस पोस्ट के जरिए सरकार को घेरा है.
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा-कल संसद में ख़ासकर जाति व जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस व बीजेपी आदि में जारी तकरार नाटकबाज़ी तथा ओबीसी समाज को छलने की कोशिश, क्योंकि इनके आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों का इतिहास खुलेआम व पर्दे के पीछे भी घोर ओबीसी-विरोधी रहा है। इन पर विश्वास करना ठीक नहीं है. एसपी के प्रयासों से यहाँ लागू हुई ओबीसी आरक्षण की तरह ही राष्ट्रीय जातीय जनगणना जनहित का एक ख़ास राष्ट्रीय मुद्दा, जिसके प्रति केन्द्र को गंभीर होना जरूरी। देश के विकास में करोड़ों ग़रीबों-पिछड़ों व बहुजनों का भी हक, जिसकी पूर्ति में जातीय जनगणना की अहम भूमिका.
क्या हुआ था सदन में
दरअसल, मंगलवार को सदन में बहस शुरू हुई थी राहुल गांधी और अनुराग ठाकुर के बीच में. राहुल गांधी ने जाति जनगणना कराने की बात कही तो अनुराग ठाकुर ने विवादित बयान दे दिया कि 'जिनकी जाति का पता नहीं वो जाति जनगणना की बात करते हैं।' अनुराग के इस बयान से विपक्षी सांसद बेहद नाराज होकर हंगामा करने लगे. राहुल गांधी ने कहा कि जो भी इस देश में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की बात उठाता है, उसे गालियां खानी ही पड़ती हैं. राहुल ने कहा कि मैं ये सब गालियाँ खुशी से खाऊँगा. राहुल गांधी ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह महाभारत में अर्जुन को मछली की आंख दिख रही थी, वैसे ही मुझे मेरा लक्ष्य दिख रहा है. हम जातिगत जनगणना करके दिखाएंगे. आपको जितनी गाली देनी है, आप दीजिए, हम खुशी से लेंगे।' इस बीच, बहस में सपा के मुखिया अखिलेश यादव भी कूद गए.