OP Rajbhar and Brijesh Singh: सूत्रों के मुताबिक, बाहुबली बृजेश सिंह सुभासपा से चुनाव लड़ सकते हैं. इसे लेकर ओपी राजभर ने बड़ा संकेत दिया.
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Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनैतिक दल तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. सुभासपा गाजीपुर लोकसभा सीट से बृजेश सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, ओपी राजभर माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे के बाद अब उसके सबसे बड़े दुश्मन को चुनाव में उतारने की तैयारी में जुटे है.
दो दशक से है मुख्तार और बृजेश सिंह के परिवार में दुश्मनी
मुख्तार अंसारी और बृजेश सिंह पूर्वांचल के बड़े माफिया रहे हैं. दोनों के बीच दो दशक से ज्यादा समय से दुश्मनी चलती आ रही है. बीते विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को मऊ सदर से टिकट दिया था. अब्बास चुनाव जीतक विधायक चुने गए थे. वहीं, बृजेश सिंह को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में सिकरारा कांड में दोष मुक्त किया है. बरी होने के बाद उनके चुनाव लड़ने की दावेदारी को बल मिला है. हालांकि, अंतिम फैसला बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड लेगी. चर्चा है कि गठबंधन में सुभासपा को गाजीपुर की सीट दी जा सकती है. ऐसे में दो अलग-अलग विचारधारा के लोगों का एक पार्टी से चुनाव लड़ना बेहद दिलचस्प होगा.
एक जंगल में रह सकते हैं दो शेर: सुभासपा अध्यक्ष राजभर
मुख्तार और बृजेश सिंह के टकराव के बाद एक ही पार्टी से चुनाव लड़ने वाले सवाल पर सुभासपा अध्यक्ष ने बयान दिया. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक जंगल में दो शेर एक साथ रह सकते हैं. यह बिल्कुल मुमकिन है. इसमें हैरानी वाली बात नहीं है. पार्टी दोनों पक्ष की विचारधारा को साथ लेकर चलने में सक्षम है. इस बात से कोई दिक्कत नहीं है. राजभर ने यह भी कहा कि मुख्तार और बृजेश बाहुबली छवि के साथ-साथ राजनीतिक शख्सियत भी हैं. लोकसभा चुनाव में इनकी खास भूमिका हैं. अगर NDA का शीर्ष नेतृत्व बृजेश सिंह को सुभासपा टिकट सिंबल पर गाजीपुर से चुनाव लड़ाने का फैसला करता है तो हम इसका स्वागत करेंगे.
अफजाल अंसारी की सजा के बाद खाली हुई गाजीपुर सीट
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को कोर्ट ने 29 मार्च 2023 को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया गया था. उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई. इस फैसले के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
अफजाल अंसारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा को हराया था.